भारत जैसे देश में जहां खेती के लिए ज़मीनें बड़ी और फैली हुई होती हैं, वहां फसल की निगरानी और देखभाल करना आसान नहीं होता. एग्रीकल्चर ड्रोन इन मुश्किलों को हल करने में मदद कर रहे हैं. इतना ही नहीं ये ड्रोन कीटनाशक और खाद को बिल्कुल सही जगह पर स्प्रे करते हैं, जिससे ज़रूरत से ज़्यादा रसायन इस्तेमाल नहीं होते. इससे न केवल खर्च कम होता है, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है.
जहां पहले खेतों में दवा या खाद छिड़कने के लिए घंटों मेहनत करनी पड़ती थी, अब ड्रोन की मदद से यह काम कुछ ही मिनटों में हो जाता है. इससे किसानों को दूसरे ज़रूरी कामों के लिए समय मिलता है, जैसे कि मार्केट की प्लानिंग, पानी की व्यवस्था, और दूसरी फसल से जुड़ी रणनीतियाँ बनाना.
एग्रीकल्चर ड्रोन खेतों की ऊँचाई से तसवीरें और डेटा लेते हैं. इनसे पता चलता है कि कौन-से हिस्से में फसल ठीक है और कहां बीमारी या कीट लग सकते हैं. इस जानकारी से किसान सही समय पर सही कदम उठा पाते हैं, जिससे पैदावार बढ़ती है.
भारत सरकार भी किसानों को तकनीक से जोड़ने के लिए कई योजनाएँ चला रही है. "ड्रोन शक्ति" जैसी योजनाओं से ड्रोन को गांवों तक पहुँचाया जा रहा है. साथ ही, ड्रोन की कीमतें भी धीरे-धीरे कम हो रही हैं, जिससे छोटे किसान भी इन्हें अपना पा रहे हैं.
भारत में कई कंपनियां हैं जो कृषि के लिए बेहतरीन ड्रोन और सेवाएं दे रही हैं. ये कंपनियां किसानों को उन्नत डेटा, स्प्रे सिस्टम, और खेत की निगरानी जैसी सुविधाएँ देती हैं. कुछ प्रमुख कंपनियाँ हैं:
यह कंपनी किसानों को फसल की सेहत जानने और संसाधनों को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने में मदद करती है.
यह कंपनी हाई-रेज़ोल्यूशन इमेजरी और मल्टीस्पेक्ट्रल डेटा के ज़रिए सटीक खेती को बढ़ावा देती है.
यहाँ ड्रोन के ज़रिए फसल की सेहत की जांच, सटीक छिड़काव और डेटा एनालिटिक्स जैसी सेवाएँ मिलती हैं.
यह कंपनी खेत की मैपिंग और उपज के अनुमान के लिए उच्च गुणवत्ता की तसवीरें उपलब्ध कराती है.
यह कंपनी मल्टीस्पेक्ट्रल डेटा का उपयोग कर कीटों की जल्दी पहचान, पोषक तत्वों का विश्लेषण और सिंचाई प्रबंधन में सहायता देती है.
एग्रीकल्चर ड्रोन सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि एक बदलाव है जो खेती को आसान, स्मार्ट और लाभदायक बना रहा है. जैसे-जैसे ये तकनीक और सुलभ होगी, भारत के और भी किसान इसका लाभ उठा पाएँगे.
भारत में एग्रीकल्चर ड्रोन के इस्तेमाल से खेती के तरीके तेज़, कुशल और पर्यावरण के अनुकूल हो रहे हैं. ये ड्रोन किसानों को समय पर जानकारी देकर बेहतर फैसले लेने में मदद करते हैं. आने वाले समय में, यह तकनीक भारत की खाद्य सुरक्षा और कृषि उत्पादन को एक नई ऊँचाई तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाएगी.
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