पारंपरिक खेती इसलिए घाटे का सौदा बन रही है क्योंकि किसान इस बात से बेखबर रहते हैं कि वह कहां गलती कर रहे हैं. इसमें सबसे आम गलती है खेतों का लेवल सही ना होना. लेकिन खेतों का लेवल सही करने के लिए बेहद आधुनिक मशीनें भी आ गई हैं. खेतों की लेवलिंग मिलाने वाली मशीन का नाम है लेजर लैंड लेवलर. इसलिए किसान-Tech की इस सीरीज में आज हम आपको एक ऐसी ही मशीन के बारे में बता रहे हैं, जो लेजर तकनीक से खेत की लेवलिंग करती है. हम आपको लेजर लैंड लेवलर के दाम, उपयोग और फायदों के बारे में विस्तार से बताएंगे. साथ ही इस मशीन से किसान कैसे अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते हैं, ये भी आपको बताएंगे.
दरअसल, जिन किसानों के खेत पूरी तरह से समतल नहीं होते या ऊंची-नीची जमीन पर होते हैं, उन खेतों में फसल बोने से लेकर खाद और पानी देनें में बहुत समस्याएं होती हैं. साथ ही सिंचाई भी एक समान नहीं हो पती जिससे फसल की पैदावार भी सही नहीं होती और पानी भी बहुत बर्बाद होता है. ऐसे ही खेतों का लेवल मिलाकर, उन्हें समतल करने के लिए लेजर लैंड लेवलर मशीन काम आती है
ऐसा नहीं है कि लेजर लैंड लेवलर मशीन से पहले किसान खेतों को समतल नहीं कर पाते थे. लेकिन जिन साधारण मशीनों से किसान अभी खेत का लेवल मिलाते हैं, उनसे ईंधन भी बहुत खर्च होता है और खेत भी अच्छे से समतल नहीं होते. मगर लेजर लैंड लेवलर एक ऐसी कंप्यूटराइज्ड मशीन है जो लेजर तकनीक पर काम करती है. इस मशीन में लेजर ट्रांसमिटर, लेजर रिसीवर, इलैक्ट्रिक कंट्रोल पैनल के साथ हाईड्रोलिक कंट्रोल वाल्व जुड़ा होता है. इसमें सपोर्ट के लिए दो पहिए और खेत को समतल करने वाले बकेट लगे होते हैं.
लेजर लैंड लेवलर मशीन को चलाने के लिए कम से कम 35एचपी की क्षमता वाले ट्रैक्टर की जरूरत होती है. इस मशीन में लगे लेजर ट्रांसमिटर खेत की सतह पर सबसे पहले लेजर फेंकते हैं. इस लेजर को समतल बकेट पर लगे लेजर रिसीवर रिसीव करते हैं. फिर रिसीवर को इस लेजर से जो भी सिग्नल मिलता है, उसे वह मशीन में लगे कंट्रोल पैनल को भेजता है.
तब ये कन्ट्रोल पैनल मशीन में लगे हाइड्रोलिक कंट्रोल वाल्व को खेत की जरूरत के हिसाब से एडजस्ट करती है. लेजर से मिल रहे सिग्नल के हिसाब से मशीन अपने आप ऊंची जंगह से मिट्टी उठाकर नीचे जगहों पर गिराती जाती है और इस तरह से खेत की सतह समतल होती जाती है.
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चूंकि लेजर लैंड लेवलर मशीन बहुत महंगी आती है, तो इसे किसान सिर्फ अपने खेत के लिए नहीं खरीद सकते. लिहाजा इस मशीन को किराये पर चलाकर किसान अच्छी कमाई भी कर सकते हैं. इस मशीन को 600 से 700 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से चलाकर अच्छी कमाई हो सकती है. बता दें कि 1 एकड़ का खेत समतल करने में इस मशीन को करीब 2 घंटे लगते हैं. कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि किसानों को हर तीन साल में अपने खेतों की लेवलिंग करानी चाहिए.
लेजर लैंड लेबलर की कीमत करीब 1.36 लाख रुपये से शुरू होकर 3.7 लाख रुपये तक जाती है. बाजार आपको महिंद्रा, शक्तिमान, केएसग्रुप, जॉन डियर, फिल्ड किंग, दशमेश, जगजीत जैसी कंपनियों की लेजर लैंड लेबलर मशीन उपलब्ध है.
वहीं इस मशीन पर अलग-अलग राज्य सरकारें 40 से 60 प्रतिशत तक सब्सिडी देती हैं. इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों को 60 प्रतिशत अधिकतम या 1 लाख 80 हजार रुपए की सब्सिडी मिल जाएगी.
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