तुरा भारत के मेघालय राज्य के पश्चिम गारो हिल्स जिले में स्थित एक शहर है. इस क्षेत्र के किसान अब वेस्ट गारो हिल्स में स्थित केवीके यानी कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से अपनी फसलों की बेहतर देखभाल कर सकते हैं. दरअसल, काजू की फसल में कीटों, रोगों और पोषक तत्वों की कमी की पहचान करने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) यानी एक ऐसी मशीन जिसमें सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास किया गया हो, पर आधारित वेबसाइट और एक मोबाइल ऐप विकसित गया है.
जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ऐप को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- काजू अनुसंधान निदेशालय, पुत्तूर, कर्नाटक द्वारा पूर्वोत्तर पहाड़ी क्षेत्र के लिए विकसित किया गया है.
विज्ञप्ति के अनुसार, उमियम ने मेघालय के लोगों, विशेषकर किसानों को आसानी से समझाने के लिए वेबसाइट और मोबाइल ऐप में गारो भाषा को भी शामिल किया है. वहीं, किसान समुदाय को काजू की फसलों में पोषक तत्वों की कमी की पहचान करने के साथ-साथ कीटों और रोगों के प्रबंधन के लिए विशेषज्ञ सलाह की आवश्यकता होती है.
विज्ञप्ति के अनुसार, मोबाइल ऐप किसानों की काफी हद तक लंबे समय तक मदद करेगा. वहीं, ऐप अपलोड की गई तस्वीरों से काजू की फसल में पाए जाने वाले लगभग 60 कीटों, 20 रोगों और 10 पोषक तत्वों की कमी का तुरंत निदान करने में मदद करेगा.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पता नहीं चलने या संतोषजनक परिणाम न मिलने की स्थिति में विशेषज्ञों से संपर्क करने और सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करने के विकल्प भी उपलब्ध कराए गए हैं. ऐप इन समस्याओं के शुरुआती पूर्वानुमान में मदद करेगा और एक विशेष क्षेत्र में किसानों को अलर्ट करेगा. इसके अलावा, यह देश के क्षेत्र से संबंधित एजेंसियों द्वारा प्रबंधन के लिए आवश्यक प्रयासों और इनपुट को चैनलाइज करने में मदद करता है.
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