किसानों को क्वालिटी खाद उपलब्ध कराने के लिए गाज़ियाबाद स्थित नेशनल टेस्ट हाउस (NTH) में एक खास लैब की स्थापना की गई है. इस लैब में उर्वरकों की शुद्धता और मानकों की जांच की जाएगी, ताकि किसानों तक सिर्फ सुरक्षित और प्रभावी खाद ही पहुंच सके.
हाल के सालों में यूरिया, डीएपी, पीके और सूक्ष्म पोषक तत्व वाले उर्वरकों के बढ़ते उपयोग के साथ मिलावट और घटिया क्वालिटी की समस्या सामने आई है. ऐसे में यह लैब किसानों को मिलावटी खाद से बचाने में अहम भूमिका निभाएगी. साथ ही, इस लैब में पैकेज्ड और मिनरल वाटर, खाद्य पैकेजिंग सामग्री, एल्यूमिनियम व कॉपर के तार, कोयला, पेट्रोलियम कोक, बिटुमेन, पेंट, एंटी-स्किड उत्पाद, रेत-बजरी और सफेद व रंगीन चॉक जैसी चीज़ों की जांच होगी. यहां सीमेंट, धातु, कागज, प्लास्टिक, कार्बनिक उत्पाद और उर्वरकों की भी टेस्टिंग की जाएगीय.
हाल के सालों में यूरिया, डीएपी, पीके और सूक्ष्म पोषक तत्व वाले उर्वरकों के बढ़ते उपयोग के साथ मिलावट और घटिया क्वालिटी की समस्या सामने आई है. ऐसे में यह लैब किसानों को मिलावटी खाद से बचाने में अहम भूमिका निभाएगी. एनटीएच गाज़ियाबाद की केमिकल लैब के निदेशक सुखदेव प्रजापति ने बताया कि यहां खाद की जांच फर्टिलाइज़र कंट्रोल ऑर्डर 1985 के नियमों के आधार पर की जाती है. मंजूरी मिलने के बाद ही खाद किसानों तक पहुंचती है. इससे किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले उर्वरक मिलेंगे, जिससे फसल की पैदावार और आमदनी दोनों बढ़ेगी.
प्रयोगशाला अब अपने काम का दायरा और बढ़ाने जा रही है. जल्द ही यहां फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों जैसे- गेहूं का आटा, मैदा, मेवे, खाद्य तेल और विटामिन A व D युक्त नमक की जांच शुरू की जाएगी. इसके अलावा, मसालों की जांच और खाद्य पदार्थों में सूक्ष्म पोषक तत्वों (माइक्रोन्यूट्रिएंट्स) का भी परीक्षण किया जाएगा. इससे जनता की सेहत और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी. यह प्रयोगशाला केवल किसानों और उपभोक्ताओं के लिए ही नहीं, बल्कि विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और उद्योगों को भी प्रशिक्षण, रिसर्च और टेस्टिंग सहयोग देती है. इससे वैज्ञानिक और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
नेशनल टेस्ट हाउस (NTH) गाज़ियाबाद की स्थापना 1977 में हुई थी. तब से यह संस्था अलग-अलग इंजीनियरिंग क्षेत्रों में सटीक परीक्षण के लिए भरोसेमंद मानी जाती है.
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