बहुत महंगा बिकता है अलसी का रेशा, जानिए इसे निकालने की सबसे आसान विधि

बहुत महंगा बिकता है अलसी का रेशा, जानिए इसे निकालने की सबसे आसान विधि

सुपरफूड माने जाने वाले अलसी के बीज महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं. खासतौर पर अगर आप किसी तरह के हार्मोनल बदलाव से गुजर रहे हैं तो अपनी डाइट में अलसी के बीज शामिल करने से राहत मिल सकती है. अलसी को आयुर्वेद में महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है.

अलसी के बीज से रेशा निकालने का तरीकाअलसी के बीज से रेशा निकालने का तरीका
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Jan 31, 2024,
  • Updated Jan 31, 2024, 1:10 PM IST

अलसी रबी मौसम की प्रमुख तिलहनी फसल है. इस फसल का भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है. भारत में अलसी की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. तिलहनी फसलों में अलसी दूसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल है. इसका पूरा पौधा बहुत फायदेमंद होता है. इसके तने से लिनेन नामक बहुमूल्य रेशा प्राप्त होता है तथा इसके बीजों से तेल निकाला जाता है. अलसी का उपयोग औषधीय रूप में भी किया जाता है. आयुर्वेद में अलसी को दैवीय भोजन माना गया है. असली तेल में प्रोटीन और फाइबर प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत रखता है. इसके अलावा यह शरीर के अंगों में होने वाले दर्द और थकान से भी राहत दिलाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि ये रेशा निकलता कैसे है. अगर नहीं तो आइए जानते हैं. 

सुपरफूड माना जाता है अलसी का बीज

सुपरफूड माने जाने वाले अलसी के बीज महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं. खासतौर पर अगर आप किसी तरह के हार्मोनल बदलाव से गुजर रहे हैं तो अपनी डाइट में अलसी के बीज शामिल करने से राहत मिल सकती है. अलसी को आयुर्वेद में महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है. इन बारीक और चमकदार अलसी के बीजों में छुपे हैं सेहत के कई बड़े राज. अलसी का उपयोग आवश्यकतानुसार बीज, चूर्ण एवं तेल के रूप में किया जाता है.

कई गुणों से भरपूर है अलसी का बीज

एंटीफंगल गुणों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अलसी को अंग्रेजी में फ्लैक्स सीड्स कहा जाता है. अलसी दो प्रकार की होती है सुनहरी और भूरी. गोल्डन अलसी में भूरे अलसी की तुलना में कम ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है. भारत के अलावा अलसी के बीज का उत्पादन अमेरिका और अर्जेंटीना में भी किया जाता है. फाइबर से भरपूर अलसी में हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं, जो शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. अलसी में एंटी डायबिटिक तत्व पाए जाते हैं. इससे शरीर में इंसुलिन लेवल को आसानी से संतुलित किया जा सकता है.

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कैसे निकाला जाता है अलसी का रेशा

  • फसल की कटाई जमीनी स्तर से करें.
  • बीजों की गहाई करने के बाद जहां शाखाएं निकली हों वहां से डंठल काटकर अलग कर लें और कटे हुए डंठल को छोटे-छोटे बंडलों में बनाकर रख लें.
  • अब सूखे कटे तने के बंडल को सड़ने के लिए अलग रख दें.
  • तने को सड़ाने के लिए नीचे दी गई विधि अपनाएं. एक. सूखे तने के बंडलों को पानी से भरे टैंक में रखें और 2-3 दिनों के लिए छोड़ दें.
  • सड़े हुए तने के बंडल को टंकी के पानी से 8-10 बार धोकर खुली हवा में सूखने दें.
  • अब तने का रेशा निकालने योग्य हो गया है.

हाथ से रेशा निकालने का तरीका

अच्छी तरह से सूखे सड़े हुए तने को लकड़ी के हथौड़े से पीटें. इस प्रकार तने की लकड़ी टूटकर भूसी बन जाएगी जिसे झाड़कर और साफ करके आसानी से रेशा प्राप्त किया जा सकता है.

मशीन से रेशा निकालने का तरीका

  • मशीन की सतह पर सूखे सड़े हुए तनों के छोटे-छोटे बंडल रख दिए जाते हैं और मशीन चला दी जाती है. इस प्रकार मशीन के दूसरी ओर से दबे/कुचले हुए रेशों को बाहर निकाल लिया जाता है.
  • मशीन से निकले दबे तने को हिलाकर और साफ करके रेशा प्राप्त किया जाता है.
  • यदि तने की पिसी हुई लकड़ी एक बार में पूरी तरह से रेशे से अलग न हो तो उसे दोबारा मशीन में डालें और तने की लकड़ी को पूरी तरह से अलग कर लें.

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