कृषि ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. खेती में ड्रोन कई काम कम समय में करता है, इसलिए किसानों के बीच इसकी बहुत डिमांड है. इफको भी इस काम में किसानों की मदद कर रहा है और किसान ड्रोन के जरिये काम आसान बना रहा है. तो आइए जानते हैं कि इफको किसान ड्रोन से नैनो खादों का प्रयोग कैसे किया जाता है और किसान इससे ज्यादा से ज्यादा लाभ कैसे उठा सकते हैं.
दरसअल, ड्रोन से स्प्रे करने का आइडिया इसलिए आया क्योंकि जब किसान पीठ पर लादकर नैप से, स्प्रेयर से या नैप स्प्रेयर से मैनुअल छिड़काव करता है तो इससे सेहत को बहुत नुकसान होता है. इससे हर साल हजारों लोगों की जान जाती है. दूसरी ओर, इंसान जब खेतों में स्प्रे करने उतरता है तो वह प्रभावशाली या दक्षता के साथ स्प्रे नहीं कर पाता. इन सभी परेशानियों को देखते हुए इफको ने किसानों के लिए ड्रोन उतारने का निर्णय लिया. इसका मकसद था ग्रामीण उद्यमिता यानी रूरल आंत्रप्रेन्योर को बढ़ावा देना. इसका फायदा भी मिलने लगा है.
कृषि ड्रोन से मानव श्रम की बहुत बचत होती है. किसान को अपनी पीठ पर नैप या स्प्रेयर लादकर खेत में नहीं उतरना है. ड्रोन में प्रति एकड़ 10 लीटर पानी की जरूरत होती है. इस तरह छिड़काव में पानी की बचत होती है. साथ ही प्रभावशाली ढंग से खादों का छिड़काव होता है. ड्रोन की बूंदें बहुत छोटी होती हैं जो पत्तियों के रोमछिद्रों से अंदर तक जाती हैं. इससे फसलों को बहुत फायदा मिलता है. इससे अधिक से अधिक तरल खाद का इस्तेमाल होता है और बर्बादी कुछ भी नहीं होती. इस तरह तरल खाद की बचत भी होती है.
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ड्रोन से छिड़काव का प्रभाव अच्छा होने के कारण उत्पादन अधिक मिलता है. इफको के मार्केटिंग डायरेक्टर योगेंद्र कुमार ने बताया कि अभी पूरे देश में इफको के 1764 ड्रोन पायलट हैं जो सभी ग्रामीण क्षेत्र में छिड़काव करने के लिए होते हैं. ड्रोन से छिड़काव करने का चार्ज राज्य के अनुसार और फसल के अनुसार अलग-अलग है. दक्षिण भारत, महाराष्ट्र और गुजरात में ड्रोन से छिड़काव का रेट अधिक है. उत्तर भारत में दरें कम हैं. यह निर्भर करता है कि उस क्षेत्र में ड्रोन आंत्रप्रेन्योर कितने हैं. अगर प्रतिस्पर्धा होती है तो ड्रोन से छिड़काव सस्ता होता है.
ड्रोन से छिड़काव का सामान्य तौर पर रेट 400 से 500 रुपये प्रति एकड़ है. इसमें इफको की तरफ से 100 रुपये की सब्सिडी दी जाती है. इस तरह इफको ड्रोन से छिड़काव करने पर किसान को 300 रुपये प्रति एकड़ चार्ज देना होता है. किसानों को इस सुविधा का लाभ देने के लिए सभी उर्वरक कंपनियां और रसायन बनाने वाली कंपनियों ने ड्रोन लिया है और किसानों को फायदा दे रही हैं. इफको के ड्रोन में हर तरह के तरल पदार्थ जैसे नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, नैनो जिंक का स्प्रे किया जा सकता है. कीटनाशकों का भी छिड़काव किया जा सकता है. इससे बीज की बुवाई भी कर सकते हैं.
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आजकल कई तरह के एडवांस्ड कैमरे आ गए हैं जिन्हें ड्रोन में लगाकर हम जान सकते हैं कि खेत में नमी कितनी है, रोग की स्थिति क्या होने वाली है, कीड़ों का प्रकोप कितना है और बीमारियों के लक्षणों की पहचान भी कर सकते हैं. इस ड्रोन से छिड़काव में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि उसमें इफको के प्रोडक्ट ही इस्तेमाल किए जाएंगे. किसान अपनी सुविधा के मुताबिक भी खाद, उर्वरक, कीटनाशक या केमिकल दे सकते हैं. ड्रोन चलाने वाला व्यक्ति उसका छिड़काव करेगा.