झारखंड में ड्रोन से होगी फसलों की निगरानी, खोले जाएंगे 167 फसल सुरक्षा केंद्र

झारखंड में ड्रोन से होगी फसलों की निगरानी, खोले जाएंगे 167 फसल सुरक्षा केंद्र

जब राज्य में लगातार दो बार सूखा पड़ा और धान की रोपाई ढंग से नहीं हो पाई तब विभाग का ध्यान इन योजनाओं की तरफ गया. इसके बाद जब फसल नुकसान का आकलन किया गया तब यह पता चला की कई जगहों पर रोग और कीट के कारण भी फसलों को काफी नुकसान हुआ है.

क‍िसान तक
  • Ranchi,
  • Nov 26, 2023,
  • Updated Nov 26, 2023, 9:41 AM IST

कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल के बहुत फायदे हैं. देश के किसानों के बीच इसे बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है साथ ही इसके इस्तेमाल के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. झारखंड में अब ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के तहत कृषि विभाग की तरफ से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा रहा है. इस प्रस्ताव के जरिए अब झारखंड में ड्रोन खेतों की निगरानी की जाएगी. साथ ही ड्रोम के जरिए अब पौधों पर छिड़काव किया जाएगा और खेतों के सर्वे का काम भी ड्रोन के जरिए ही किया जाएगा. कृषि विभाग की तरफ से तैयार किए गए प्रस्ताव के अनुसार ड्रोन से फसलों की निगरानी करने के लिए कीटनाशक दवा और संबंधित कार्य के लिए उपकरण खरीदा जाएगा. इन सामग्रियों की खरीद के लिए संबंधित कमेटी को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है. 

झारखंड में इस तरह की योजनाएं पहले से ही चल रही थी पर विभाग की तरफ से इन योजनाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था. हालांकि जब राज्य में लगातार दो बार सूखा पड़ा और धान की रोपाई ढंग से नहीं हो पाई तब विभाग का ध्यान इन योजनाओं की तरफ गया. इसके बाद जब फसल नुकसान का आकलन किया गया तब यह पता चला की कई जगहों पर रोग और कीट के कारण भी फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इनमें रांची और संताल के कई प्रखंड थे, जहां पर धान के खेतों में कीट लगने के कारण किसानों को फसलों का नुकसान हुआ था. सैंकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई थी.

ये भी पढ़ेंः UP News: यमुना एक्सप्रेसवे से सटे गांवों का होगा ड्रोन एरियल सर्वे, जानिए योगी सरकार की प्लानिंग

बनाए गए हैं 167 फसल सुरक्षा केंद्र 

सही समय पर कीट और रोग पर नियंत्रण नहीं कर पाने के पीछे का कारण जब विभाग ने पता किया तब मालूम चला की फसलों पर सही समय से कीट और दवाओं का छिड़काव नहीं किया गया, ऐसे में फसलों को बचाने के लिए ड्रोन से छिड़काव करने का फैसला किया गया और इसके साथ ही सर्वे के लिए ड्रोन के इस्तेमाल करने का प्रस्ताव तैयार किया गया. उल्लेखनीय है कि राज्य में पहले से ही कुल 167 फसल सुरक्षा केंद्र बने हुए हैं. इसमें हर सेंटर में तीन पद सृजित किए गए है. इनमे जूनियर फसल सुरक्षा अधिकारी समेत अन्य पद शामिल हैं. 

ये भी पढ़ेंः National Milk Day 2023: जानें हर साल क्यों मनाया जाता है नेशनल मिल्क डे, क्या है इस दिन का महत्व

किसानों को मिलेगी मुफ्त सुविधा

हालांकि इन सभी केंद्रों में कर्मियों की कमी है. इसलिए विभाग ने योजना बनाई है कि आउटसोर्सिंग के जरिए कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी और उनसे काम लिया जाएगा. इसके साथ ही ड्रोन सहित अन्य उपकरणों की खरीद के लिए प्रक्रिया जारी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कितने ड्रोन की खरीदारी करनी है इस पर अभी विचार चल रहा है. क्योंकि ड्रोन की खरीदारी के बाद ही आउसोर्स के जरिए बहाल किए गए कर्मियों को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस योजना में कुल 32 करोड़ रुपये खर्च होंगे. फसल सुरक्षा केंद्र शुरू होने के बाद किसानों को कीटनाशक या दवा के छिड़काव के लिए आवेदन देना होगा. इसके बाद किसानों को यह सेवा मुफ्त में दी जाएगी.  


 

MORE NEWS

Read more!