हरियाणा में ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान का ब्योरा दर्ज करने का आज आखिरी दिन है।. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की खराब हुई फसल का ब्योरा दर्ज कराने के लिए सरकार द्वारा समय सीमा 15 सितंबर तक बढ़ाई गई है. करनाल में यमुना तट से सटे किसानों ने लगभग 14595 एकड़ खराब हुई फसल का ब्योरा दर्ज कराया है. जल्द ही किसानों को उनकी खराब हुई फसलों का मुआवजा मिलेगा. इसके बारे में कृषि उप निदेशक वजीर सिंह ने विस्तार से जानकारी दी.
करनाल के कृषि उप निदेशक वजीर सिंह ने जानकारी देते हुए कहा अगर किसी किसान की फसल खराब होती है तो सरकार द्वारा ई क्षतिपूर्ति पोर्टल बनाया गया है. इस पोर्टल पर किसान अपनी खराब हुई फसलों का ब्योरा दर्ज करा सकते हैं. उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य है नुकसान के सही आंकड़े पेश करना ताकि किसानों को जल्दी मुआवजा दिलाया जा सके.
करनाल में भी यमुना तट से सटे कुछ गांव में किसानों की फसलों का यमुना का पानी आने से नुकसान हुआ है.जिले में 1876 किसानों द्वारा अपनी 14595 एकड़ खराब हुई फसलों का ब्योरा दर्ज कराया गया है. संबंधित विभागों द्वारा वेरिफिकेशन करवाकर जल्द ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.
कृषि अधिकारी ने कहा, आज 15 सितंबर 2025 तक किसान अपनी खराब हुई फसलों का ब्योरा दर्ज करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपनी फसल का ब्योरा दर्ज कराने के लिए किसानों को 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर अपनी फसल का पंजीकरण कराना जरूरी है. उन्होंने कहा, जिन भी किसानों की फसल खराब हुई है वो अपनी फसल का ब्योरा दर्ज करवा सकते हैं.
कृषि अधिकारी ने कहा, किसानों को जल्द ही उनकी खराब हुई फसलों का मुआवजा मिल जाएगा. उन्होंने कहा, किसान पहले अपनी फसल का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा पर दर्ज कराएं. उसके बाद किसान अपनी खराब फसल का ब्योरा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करवा सकते हैं . दोनों एक साथ लिंक हैं.
उन्होंने कहा, क्षतिपूर्ति पोर्टल का उद्देश्य केवल ये है कि किसान अपनी खराब हुई फसल का ब्योरा खुद दर्ज करवा सकें ताकि समय पर उन्हें खराब हुई फसल का मुआवजा मिल सके. उन्होंने कहा, वेरिफिकेशन कराने के बाद किसानों के खाते में सीधा पैसा भेजा जाता है. 5-7 दिनों में पूरी वेरिफिकेशन हो जाएगी उसके बाद जल्द ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.