पीएम मोदी के खिलाफ बार-बार आक्रामक तेवर, जानें कौन हैं वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर

पीएम मोदी के खिलाफ बार-बार आक्रामक तेवर, जानें कौन हैं वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर पिछले कुछ दिनों से काफी खबरों में हैं.  उनके तेवर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर काफी आक्राकम हैं. प्रभाकर ने एक बार फिर पीएम मोदी के चुनाव को लेकर आगाह किया है. उन्‍होंने कहा है कि पीएम मोदी का तीसरी बार चुना जाना संविधान के लिए खतरा हो सकता है.

पीएम मोदी के खिलाफ वित्‍त मंत्री के पति प्रभाकरपीएम मोदी के खिलाफ वित्‍त मंत्री के पति प्रभाकर
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  • New Delhi ,
  • Apr 09, 2024,
  • Updated Apr 09, 2024, 10:32 PM IST

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर पिछले कुछ दिनों से काफी खबरों में हैं.  उनके तेवर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर काफी आक्राकम हैं. प्रभाकर ने एक बार फिर पीएम मोदी के चुनाव को लेकर आगाह किया है. उन्‍होंने कहा है कि पीएम मोदी का तीसरी बार चुना जाना संविधान के लिए खतरा हो सकता है. प्रभाकर ने तो यहां तक कह डाला है कि पीएम मोदी तीसरे कार्यकाल में संविधान को बदलकर चुनाव की प्रक्रिया को ही खत्म कर देंगे. उन्‍होंने अप्रत्‍यक्ष तौर पर उन्‍हें एक तानाशाह करार दे दिया है. जानें कौन हैं परकला प्रभाकर. 

कांग्रेस से है खास नाता !

दो जनवरी 1959 को जन्‍में प्रभाकर एक अर्थशास्‍त्री रहे हैं. वह जुलाई 2014 से जून 2018 तक आंध्र प्रदेश सरकार में कैबिनेट रैंक पर रहे हैं. सन् 1983 में जब वह जेएनयू में कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल  स्‍टूडेंट यूनियंस (एनएसयूआई) के यूनिट प्रेसीडेंट थे, तभी उन्‍हें निर्मला सीतारमण से प्‍यार हो गया था. उस समय वह तत्‍कालीन ताकतवर केंद्रीय मंत्री पीवी नरसिम्‍हा राव के करीब रहने वाले पर्दे के पीछे के कुछ खास लोगों में शुमार थे.  प्रभाकर के पिता 20 साल तक आंध्र प्रदेश में शासन करने वाली कांग्रेस सरकारों में मंत्री रहे थे. इसके अलावा उनकी मां भी कई बार कांग्रेस की विधायक रही हैं. 

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बीजेपी में हुए शामिल और हारे चुनाव 

प्रभाकर सन् 1986 में अपनी पत्‍नी निर्मला के साथ लंदन स्‍कूल ऑफ इकोनॉमिक्‍स में पढ़ाई के लिए भारत से चले गए थे. इस समय तक वह एनएसयूआई के वाइस प्रेसीडेंट बन गए थे. साल 1991 में वह भारत वापस आए. उस समय तक उनके मेंटर नरसिम्‍हा राव भारत के पीएम बन चुके थे. साल 1994 और 1996 में उन्‍होंने आंध्र प्रदेश का लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. साल 1997 में उन्‍होंने बीजेपी ज्‍वॉइन की. साल 1998 में उन्‍होंने नरसापुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था. यहां भी वह हार गए थे. वह कुछ समय तक बीजेपी की आंध्र प्रदेश यूनिट के प्रवक्‍ता भी रहे थे. 

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सीतारमण नहीं लड़ रही हैं चुनाव 

इससे पहले मार्च में भी प्रभाकर ने एक टेलीविजन समाचार चैनल से बात करते हुए कहा था कि चुनावी बांड घोटाला सिर्फ भारत का सबसे बड़ा घोटाला नहीं है, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है. उनका कहना था कि चुनावी बांड भ्रष्टाचार सार्वजनिक होने के बाद, अब लड़ाई दो गठबंधनों के बीच नहीं बल्कि बीजेपी और भारत के लोगों के बीच है. गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं. उन्‍होंने इसके पीछे फंड की कमी को जिम्‍मेदार ठहराया है. 


 

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