19 अप्रैल को लोकसभा चुनावों का आगाज हो जाएगा. इन चुनावों में एक बार सबकी नजरें उत्तर प्रदेश पर टिकी हैं. यहां पर समाजवादी पार्टी (एसपी) जो इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है, उसका प्रदर्शन कैसा होगा, हर कोई इस पर चर्चा कर रहा है. इस बार पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन उन्होंने अपने परिवार के पांच सदस्यों पर दांव लगाया हुआ है. अखिलेश की पत्नी डिंपल के अलावा धर्मेंद्र, आदित्य और अक्षय यादव पर पार्टी के अच्छे प्रदर्शन का दरोमदार है. वहीं कहा जा रहा है कि कन्नौज की सीट से अखिलेश तेज प्रताप यादव को मैदान में उतार सकते हैं. तेज प्रताप, अखिलेश के भतीजे हैं और 2014 में मैनपुरी से जीतकर संसद पहुंचे थे. एक नजर डालिए यादव फैमिली के इन 5 खास सदस्यों पर.
धर्मेंद्र यादव
एसपी ने धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ से टिकट दिया है. इस संसदीय क्षेत्र को मुलायम सिंह के समय से ही पार्टी का गढ़ माना जाता रहा लेकिन साल 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी यहां से हार गई थी. धर्मेंद्र पर जिम्मा होगा कि वह साल 2014 और 2019 के नतीजे को दोहराएं और अखिलेश को खुश करें.
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अक्षय यादव
फिरोजाबाद से अखिलेश ने पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के बेटे और चचेरे भाई अक्षय को टिकट दिया है. चुनावों के पहले से माना जा रहा था कि अक्षय को टिकट जरूर मिलेगा. शिवपाल यादव ने भी अक्षय को फिरोजाबाद से जिताने का संकल्प ले लिया है.
डिंपल यादव
अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव इस समय मैनपुरी से सांसद हैं. मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में डिंपल ने जीत दर्ज की थी. पिछले चुनाव में वह कन्नौज से हार गई थीं. मैनपुरी में एसपी ने सात बार जीत दर्ज की है. यह सीट अभी तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खाते में नहीं गई है.
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आदित्य यादव
बदायूं से पार्टी ने आदित्य यादव को टिकट दिया है. यह वह सीट है जिस पर काफी कन्फ्यूजन था. पहले पार्टी यहां से धर्मेंद्र यादव को टिकट देना चाहती थी. लेकिन उन्हें आजमगढ़ से टिकट दिया गया. इसके बाद इस सीट से शिवपाल को टिकट मिलना था मगर वह अपनी जगह बेटे के लिए टिकट चाहते थे. ऐसे में अंत में आदित्य के नाम पर रजामंदी बनी. आदित्य पर अपने पिता की प्रतिष्ठा को बरकरार रखने का दबाव होगा.
तेज प्रताव यादव
कन्नौज से पार्टी किसे उतारेगी इस पर सस्पेंस बना हुआ है. अखिलेश ने कन्नौज सीट पर उपचुनाव जीतकर अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की थी. कन्नौज सीट पर न सिर्फ यादव फैमिली की प्रतिष्ठा इस बार दांव पर है बल्कि अखिलेश का करियर भी यहां पर आने वाले नतीजों पर टिका है. देखना होगा कि अखिलेश अपनी जगह तेज प्रताप को यहां भेजते हैं या फिर खुद मैदान में उतरते हैं. तेज प्रताप, लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं.