UP Wheat Price News: उत्तर प्रदेश गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक है. वहीं गेहूं की फसल पक कर तैयार है. अप्रैल में कटाई शुरू हो जाएगी. अभी तक मौसम भी मेहरबान रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि लोगों को सस्ता गेहूं मिलेगा. पिछले दो साल में गेहूं के दाम काफी तेजी से बढ़े हैं. लोगों को 3,000 से 3,400 रुपये प्रति क्विंटल तक गेहूं खरीदना पड़ा. अब भी बाजार में गेहूं का मूल्य 2800 से 3200 रुपये प्रति क्विंटल है.
उप्र कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक डॉ. विनोद तिवारी के मुताबिक, इस बार मौसम गेहूं के अनुकूल रहा है. इससे दाने को फूलने का मौका मिला और क्वॉलिटी भी बेहतर हुई है. बस आगे भी मौसम सही बना रहे. सूखी और खड़ी फसल पर बारिश न हो. फिलहाल गेहूं के रेकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है.
डॉ. विनोद तिवारी बताते हैं कि यूपी में 388 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान है. अप्रैल में गेहूं की कटाई शुरू होगी तो स्टॉक में जमा पुराना गेहूं भी बाजार में आएगा. नए गेहूं की पैदावार भी ज्यादा होगी तो कुछ सस्ता हो सकता है. सरकार ने गेहूं का एमएसपी 2,275 रुपये कर दिया है. ऐसे में बाजार में इससे ज्यादा ही रेट रहेगा. इस प्रकार की स्थिति से इस साल लोगों को निजात मिल सकती है. दरअसल, गेहूं के दाम बढ़ने की मुख्य वजह ये है कि 2020-21 में गेहूं की क्वॉलिटी में आई गिरावट और 2021-22 में अचानक उत्पादन में गिरावट रही. इसका सीधा संबंध मौसम से था. जबकि पिछले साल 2022-23 में 380 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ था.
वर्ष उत्पादन (लाख मीट्रिक टन)
2023-24 388 (अनुमानित)
2022-23 380
2021-22 363
2020-21 374
उत्तर प्रदेश के कृषि निदेशक जितेंद्र कुमार तोमर ने बताया कि प्रदेश के किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक अप्रैल से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद शुरू होगी. 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 15 जून तक किसानों से गेहूं खरीदा जाएगा. एमएसपी का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपना पंजीयन विभागीय वेबसाइट पर कराना होगा. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया एक मार्च से शुरू हो चुकी है. उन्होंने बताया कि कृषक किसी भी सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 या संबंधित जिले के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लाक के विपणन निरीक्षक से संपर्क कर सकते हैं.
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