कभी बेमौसम बारिश तो कभी सूखे की वजह से किसान की फैसले बर्बाद हो जाती है लेकिन इन दिनों पीलीभीत में धान की फसल को एक अजीब किस्म के चूहे नुकसान पहुंचा रहे हैं. यह कोई सामान्य चूहे की तरह नहीं दिखते हैं बल्कि चमगादड़ की तरह दिखने वाले इन जंगली जीवो को कृषि विभाग भी पकड़ने में भी नाकाम है. किसानों ने जब इस तरह के चूहों से परेशान होकर फसल को बचाने की गुहार लगाई तो कृषि विभाग की टीम ने हाथ खड़े कर लिये . दो बार अमरिया क्षेत्र में धान की फसल की जांच करने पहुंचे कृषि रक्षा अधिकारी ने अब किसानों को ही पिंजरे दे दिए हैं और उन्हें चूहा पकड़ के लाने को कहा है. भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष मनजीत सिंह ने कृषि विभाग पर लापरवाह होने का आरोप लगाया है. विभाग की लापरवाही के चलते किसान बर्बाद हो रहे हैं.
पीलीभीत जिले के अमरिया के किसान पिछले एक माह से चूहों से परेशान है. इन किसानों की शिकायत है कि उनकी धान की फसल में एक विशेष किस्म के चूहे लग गए हैं जो फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. किसानों ने अपनी समस्या की शिकायत कृषि विभाग को भी की है लेकिन अभी तक विभाग के द्वारा इन चूहों को पकड़ने का कोई इंतजाम नहीं किया जा सका. किसान के आंखों के सामने बर्बाद हो रही धान की पर फसल से काफी परेशान है. किसान श्यामलाल का कहना है की 20 दिन से उनकी फसलों को चूहे नुकसान पहुंचा रहे हैं. उनकी खड़ी फसल को काट रहे चूहे कोई सामान्य प्रजाति के नहीं है. इनका आकार चमगादड़ की तरह दिखाई देता है जबकि कृषि विभाग के पीपीओ श्याम नारायण राम ने मौके पर पहुंचकर जांच की. उन्हें चूहा नहीं मिले. जांच टीम ने चूहों की मल-मूत्र के नमूने ले गई लेकिन अब तक इस समस्या का कोई भी हल ढूंढा नहीं जा सका. पीपीओ श्याम नारायण राम ने बताया कि किसानों से चूहे पकड़ने को कहा है. उन्हें पिंजरे भी दे दिए गए हैं. चूहा मिलने पर ही उसकी प्रजाति के संबंध में जांच हो सकेगी.
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किसानों की इस समस्या को भारतीय किसान यूनियन की तरफ से भी जिला प्रशासन को शिकायत की गई है. जिला अध्यक्ष मनजीत सिंह ने बताया कि जांच के नाम पर कृषि विभाग के अधिकारी खाना पूर्ति कर रहे हैं. उनकी लापरवाही से किसान की फसल बर्बाद हो रही है. करीब एक माह होने को है लेकिन अभी तक चूहों की रोकथाम के लिए कुछ भी नहीं किया गया. कृषि विभाग ने किसानों से ही जिंदा चूहा पकड़ कर देने की बात कही है. यदि जल्द ही किसी विभाग के द्वारा चूहों की रोकथाम का कोई उपाय नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा.