अब 'उन्नाव का आम' बनेगा इंटरनेशनल ब्रांड, 20 हजार किसानों की बदलेगी तक़दीर!

अब 'उन्नाव का आम' बनेगा इंटरनेशनल ब्रांड, 20 हजार किसानों की बदलेगी तक़दीर!

Unnao News: राठी का कहना हैं कि उन्नाव के सफीपुर, बांगरमऊ और हसनगंज इलाकों में बड़े पैमाने पर किसान आम की पैदावार करते है. उद्यान विभाग से मिले आंकड़े के मुताबिक, उन्नाव जिले में सालाना 6.60 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है. इसमें दशहरी, लंगड़ा और चौसा प्रमुख वैरायटी हैं.

उन्नाव के सफीपुर, बांगरमऊ और हसनगंज इलाकों में बड़े पैमाने पर आम की पैदावार होती है.उन्नाव के सफीपुर, बांगरमऊ और हसनगंज इलाकों में बड़े पैमाने पर आम की पैदावार होती है.
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Jun 13, 2025,
  • Updated Jun 13, 2025, 5:09 PM IST

अब तक लखनऊ के दशहरी आम की खुशबू देशभर में बिखरती थी, लेकिन अब बारी है उन्नाव के आम की दुनिया भर में पहचान बनाने की. उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में पैदा होने वाले आम की अब अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग होगी. इससे सीधे तौर पर जिले के करीब 20 हजार किसानों को फायदा मिलेगा और उनकी आय में तीन गुना तक बढ़ोतरी हो सकती है.

इस मुहिम की शुरुआत उन्नाव के डीएम गौरांग राठी ने की है. उन्होंने इंडिया टुडे-आजतक के किसान तक से खास बातचीत में बताया कि उन्नाव के आम को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और दक्षिण भारत के बड़े व्यापारियों और एक्सपोर्टरों से जोड़ने की तैयारी चल रही है. इसका मकसद है, उन्नाव के आम को देश और विदेश दोनों बाजारों में एक अलग पहचान दिलाना.

सालाना 6.60 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन

उन्नाव जिले के सफीपुर, बांगरमऊ और हसनगंज क्षेत्र आम की प्रमुख बेल्ट हैं. उद्यान विभाग के अनुसार यहां हर साल 6.60 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है, जिसमें दशहरी, लंगड़ा और चौसा जैसी प्रीमियम वैरायटी शामिल हैं. लेकिन अब तक इन किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता था. निर्यातकों से सीधा संपर्क न होने की वजह से बिचौलिये ही लाभ उठाते थे.

हाईटेक ग्रेडिंग और पैकेजिंग व्यवस्था

अब इस व्यवस्था को बदलने की तैयारी है. डीएम ने बताया कि मियांगंज मंडी में हाईटेक ग्रेडिंग मशीन लगाई जाएगी ताकि आम की गुणवत्ता के हिसाब से उसे छांटा और बेचा जा सके. इसके साथ ही गनी बैग बोरी और बेहतर पैकेजिंग की व्यवस्था भी की जा रही है. मियांगंज को नई फल मंडी के रूप में विकसित किया जाएगा.

ODOP में शामिल, अब असली उड़ान

उन्नाव में आम की खेती 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में होती है. तीन साल पहले ही 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' (ODOP) योजना के तहत उन्नाव को आम उत्पादन के लिए चिन्हित किया गया था. लेकिन अब जो पहल हो रही है, वह किसानों की आय और पहचान नई ऊंचाई पर ले जाने की उम्मीद जगा रही है. इस साल आम की कीमतें सीजन की शुरुआत में तो ऊंची थीं, लेकिन उत्पादन बढ़ते ही बाजार में दाम गिर गए. ऐसे में ब्रांडिंग, एक्सपोर्ट और सीधी मार्केटिंग जैसी पहलें किसानों को स्थायी और बेहतर आमदनी का रास्ता दिखा सकती हैं.

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