IIVR की भिंडी 'काशी सहिष्णु' का बिहार तक हुआ विस्तार, किसानों को सस्ती दर पर मिलेंगे बीज

IIVR की भिंडी 'काशी सहिष्णु' का बिहार तक हुआ विस्तार, किसानों को सस्ती दर पर मिलेंगे बीज

UP News: आईआईवीआर संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि 'काशी सहिष्णु' किस्म किसानों के लिए अत्यधिक फायदेमंद है क्योंकि यह दो प्रमुख वायरल रोगों के लिए प्रतिरोधी है, जिससे किसानों को कीटनाशकों का कम उपयोग करना पड़ेगा और उत्पादन लागत में कमी आएगी.

भिंडी की 'काशी सहिष्णु' किस्म का जारी हुआ लाइसेंसभिंडी की 'काशी सहिष्णु' किस्म का जारी हुआ लाइसेंस
क‍िसान तक
  • LUCKNOW,
  • Nov 06, 2025,
  • Updated Nov 06, 2025, 10:20 AM IST

वाराणसी में स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) ने किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है. संस्थान ने भिंडी की लोकप्रिय किस्म 'काशी सहिष्णु' के व्यापक विस्तार और गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन के लिए बिहार के बेगूसराय जिले में स्थित अशोका एजीटेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस पहल से बिहार के किसानों को बड़ा लाभ होगा. आईआईवीआर के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि अशोका एजीटेक प्राइवेट लिमिटेड पोषण युक्त फसलों और सब्जियों के बीज उत्पादन एवं वितरण में एक अग्रणी कंपनी है.

इसके बीज बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. उन्होंने बताया कि इस समझौते का उद्देश्य 'काशी सहिष्णु' के गुणवत्तायुक्त बीज कम मूल्य पर किसानों तक पहुंचाना है, जिससे बीज की लागत आधी करने में मदद मिलेगी.

संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि किसानों तक गुणवत्तापूर्ण बीजों का त्वरित वितरण तभी संभव है जब सार्वजनिक और निजी क्षेत्र मिलकर काम करें. उन्होंने निजी कंपनियों से उच्च गुणवत्ता और जैविक शुद्धता वाली प्रजातियों के बीज किसानों तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की.

बिहार की निजी कंपनी अशोका एजीटेक को मिला उत्पादन और वितरण का अधिकार

डॉ. कुमार ने यह भी बताया कि आईआईवीआर की सब्जियों के प्रति किसानों का रुझान तेजी से बढ़ा है, जिससे सब्जी बीज उत्पादक कंपनियां संस्थान के बीजों में रुचि दिखा रही हैं.

उन्होंने बताया कि यह किस्म पारंपरिक किस्मों की तुलना में अधिक समय तक फल देती है. जिससे किसानों को लंबे समय तक आय प्राप्त होती रहेगी. इस तकनीकी हस्तांतरण से सब्जी उत्पादक किसानों को सीधे तौर पर फायदा होगा क्योंकि अब उन्नत किस्म के बीज आसानी से उपलब्ध होंगे और किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ भिंडी की गुणवत्तापूर्ण पैदावार में भी सुधार आएगा.

आईआईवीआर संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि 'काशी सहिष्णु' किस्म किसानों के लिए अत्यधिक फायदेमंद है क्योंकि यह दो प्रमुख वायरल रोगों के लिए प्रतिरोधी है, जिससे किसानों को कीटनाशकों का कम उपयोग करना पड़ेगा और उत्पादन लागत में कमी आएगी. वहीं अशोका एजीटेक के संस्थापक निदेशक मुकुंद कुमार, जो बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान के पूर्व छात्र भी हैं, उन्होंने एमओयू पर हस्ताक्षर किए. 

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