हम जानते हैं कि देश में खेती करने के तीन सीजन होते हैं, जिसमें रबी, खरीफ और जायद शामिल हैं. रबी और खरीफ के बारे में तो खूब चर्चा होती है. लेकिन,जायद सीजन के बारे में देश के अधिकांश लोग कम ही जानते हैं. आपको बता दें कि जायद का सीजन आम तौर पर गर्मी में खाई जाने वाली सब्जियों और फलों की खेती के लिए जाना जाता है. इस सीजन की फसलों की बुवाई देश में किसानों ने शुरू कर दी है. आइए जानते हैं कि जायद सीजन में कौन सी फसलो की खेती की जाती हैं और इस दौरान किन सावधानियों की जरूरत होती है. जिससे किसान बेहतर मुनाफा अर्जित कर सकें.
रबी और खरीफ के अलावा जायद सीजन में फसलों की खेती की जाती है. यह फरवरी से अप्रैल के पहले सप्ताह तक मानी जाती है. इस सीजन में आम तौर पर फल और सब्जियां उगाई जाती हैं, जो गर्मियों के दिनों में तैयार होती हैं. इस सीजन में खेती करने वाले किसानों को फसलों की वृद्धि और विकास के लिए बहुत सी जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है उससे पहले यह जानते हैं कि जायद सीजन में उगाई जाने वाली मुख्य फसलें कौन कौन सी हैं.
ये भी पढ़ें काली हल्दी बन रही है किसानों के लिए फायदे का सौदा, जानें कैसे करें इसकी खेती
देश में अधिकांश ऐसी फसलें हैं, जिनकी खेती साल में 2 या दो से अधिक बार की जा सकती है. जायद की ऋतु में ऐसी अनेक सब्जियां और फल हैं जैसे टमाटर, बैगन, लौकी, करेला आदि. इसके अलावा खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, परवल, तुरई, सूरजमुखी जैसी फसलें भी इसी सीजन में होती हैं. फरवरी में बहुत सी फसलों की कटाई शुरू हो जाती है, जिसके बाद से इन फसलों की बुआई शुरू हो जाती है. व्यापार की दृष्टिरोण से जायद की खेती सबसे अधिक की जाती है.
खेती किसानी के दौरान बहुत सी आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. दरअसल जायद की खेती फरवरी मध्य से शुरू होती है. इस समय देश में गर्मी की शुरुआत होने लगती है और धीरे धीरे गर्मी बढ़ जाती है. जायद की ऋतु में फसलों को अन्य ऋतुओं की तुलना में सबसे अधिक पानी की जरूरत होती है. इसके अलावा आप खेतों की सिंचाई शाम या सुबह करनी चाहिए. किसानों के अनुसार तेज धूप में खेतों की सिंचाई करने से पौधों पर बुरा असर पड़ सकता है. बीज या पौधों की रोपाई करते हुए निश्चित दूरी का ध्यान रखना चाहिए. इसके अलावा अधिक सिंचाई होने से खेत पर कई तरह के घास फूस उग जाते हैं, जो बड़े होकर पौधों को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए उनकी साफ सफाई बहुत जरूरी है. खेतों की नमी को ध्यान में रखखर खाद और पानी देते रहना चाहिए.