योगी सरकार ने गन्ना आपूर्ति नीति में क‍िए कई बदलाव; छोटे क‍िसानों को होगा बड़ा फायदा, जानें सबकुछ...

योगी सरकार ने गन्ना आपूर्ति नीति में क‍िए कई बदलाव; छोटे क‍िसानों को होगा बड़ा फायदा, जानें सबकुछ...

UP News: मिनस्ती एस ने आगे बताया कि पेराई सत्र 2025-26 में पहली बार यांत्रिक हार्वेस्टिंग के लिए आवेदन करने वाले कृषकों को पारिवारिक कैलेंडर की सुविधा दी जाएगी. इससे मजदूरों की कमी के बीच किसानों को खेती में सुविधा मिलेगी. इससे न सिर्फ गन्ना उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी, बल्कि किसान अब ज्यादा लाभ भी कमा पाएंगे.

गन्ना किसानों के हित में योगी सरकार ने लिए बड़े फैसलेगन्ना किसानों के हित में योगी सरकार ने लिए बड़े फैसले
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Sep 04, 2025,
  • Updated Sep 04, 2025, 3:58 PM IST

उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए नई गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी है. इस बार गन्ना समिति के नये किसान सदस्यों को सट्टा पेराई सत्र 2024-25 में संबंधित चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति या संबंधित जिले की गन्ना उत्पादकता का 70 प्रतिशत में जो भी अधिक होगा, उसकी सीमा तक गन्ना सट्टा का लाभ दिया जाएगा. नीति में छोटे किसानों और लघु महिला किसानों को भी प्राथमिकता दी गई है. छोटे गन्ना किसानों (81 क्विंटल सट्टाधारक) की पेड़ी गन्ने की पर्चियां एक से तीन पक्ष में और पौधे गन्ने की पर्चियां सात से नौ पक्ष में जारी करने की सुविधा दी गई है.

छोटे गन्ना किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

वहीं अति लघु गन्ना किसानों (36 क्विंटल या चार पर्ची बेसिक मोड) और लघु महिला गन्ना किसान (81 क्विंटल या नौ पर्ची बेसिक मोड) को पेड़ी पौधा को 52:48 के अनुपात से मुक्त रखते हुए अति लघु गन्ना किसानों को शत-प्रतिशत पेड़ी गन्ने की पर्चियां प्रथम पक्ष में व पौधे गन्ने की पर्चियां सातवें पक्ष में, जबकि लघु महिला गन्ना किसानों को शत-प्रतिशत पेड़ी गन्ने की पर्चियां एक से तीन पक्ष में व पौधे गन्ना की पर्चियां सात से नौ पक्ष में जारी की जाएंगी. इससे 13.12 लाख छोटे गन्ना किसानों, 3.75 लाख अति लघु गन्ना किसानों व 6,268 लघु महिला गन्ना किसानों के लाभांवित होने का अनुमान है.

बड़े किसानों के लिए लाभ

गन्ना आयुक्त मिनस्ती एस ने बताया कि गन्ना शोध परिषद की ओर से जारी गन्ना किस्म को.15023 की परिपक्वता के हिसाब से अतिशीघ्र मानते हुए गन्ने की कैलेंडरिंग में प्राथमिकता दी गई है. इसकी पेड़ी की पर्चियां एक से दो पक्ष में और पौधे की पर्चियां सात से आठ पक्ष में अंकित की जाएंगी. उन्होंने बताया कि इससे चीनी मिलों के चीनी परता में वृद्धि होगी, जिससे किसानों को शीघ्र गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित किया जा सकेगा. वहीं पेड़ी या शरदकालीन पौधे वाले नये समिति सदस्यों की पर्चियां पहली बार पांचवें पक्ष से 12वें पक्ष में लगाए जाने की सुविधा मिलेगी.

इसके अलावा जिनके पास पौधा गन्ना है, उनकी पर्चियां पिछले वर्ष की तरह सातवें पक्ष से लगेगीं. वर्तमान में पेराई सत्र 2025-26 के लिए जारी सट्टा नीति के तहत गन्ना किसानों को सामान्य कैलेंडर के किसी एक कालम में अधिकतम बेसिक मोड की चार पर्चियां ही अंकित की जाएंगी, लेकिन 2,500 क्विंटल या उससे अधिक बेसिक सट्टा धारक किसान के एक कालम में अधिकतम आठ पर्चियां अंकित की जा सकती हैं. ऐसे किसान जिनके पास शत-प्रतिशत पेड़ी गन्ना है, उनकी 52 प्रतिशत पर्चियां छठवें पखवाड़े तक और शेष 48 प्रतिशत पर्चियां सातवें से 10वें पखवाड़े में लगाई जाएंगी. 

किसानों को पारिवारिक कैलेंडर की मिलेगी सुविधा

मिनस्ती एस ने आगे बताया कि पेराई सत्र 2025-26 में पहली बार यांत्रिक हार्वेस्टिंग के लिए आवेदन करने वाले कृषकों को पारिवारिक कैलेंडर की सुविधा दी जाएगी. इससे मजदूरों की कमी के बीच किसानों को खेती में सुविधा मिलेगी. साथ ही, जो किसान केवल पेराई सत्र 2024-25 में ही गन्ना आपूर्ति कर पाए थे, उनके कोटा का निर्धारण औसत या उस वर्ष की आपूर्ति, जो भी अधिक हो, उसके आधार पर किया जाएगा. नई आपूर्ति नीति से सरकार का प्रयास है कि चीनी मिलों को समय पर गन्ना उपलब्ध हो और किसानों को भी उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिले सके. इससे न सिर्फ गन्ना उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी, बल्कि किसान अब ज्यादा लाभ भी कमा पाएंगे.

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