बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से इस बार किसानों को काफी नुकसान हुआ है. जिस वजह से उम्मीद जताई जा रही थी कि इस साल गेहूं और अन्य रबी फसलों की पैदावार कम होगी. लेकिन पंजाब के कई हिस्सों में पिछले साल के मुकाबले गेहूं का उत्पादन काफी ज्यादा होने की खबर सामने आई है. इससे सरकार को काफी राहत मिलती नजर आ रही है. पिछले महीने बेमौसम बारिश के कारण खड़ी गेहूं की फसल को हुए भारी नुकसान के कारण राज्य से कुल गेहूं की खरीद में उतनी तेजी से कमी नहीं आएगी, जितनी कि आशंका जताई जा रही थी. ऐसे में आपको बता दें इस साल पंजाब में गेहूं की उपज 20-24 क्विंटल प्रति एकड़ बताई जा रही है.
कृषि मंत्रालय ने हाल में फसल वर्ष 2023-24 के लिए गेहूं उत्पादन के अनुमान जारी किए हैं. अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, इस साल देश में 11 करोड़ 21.8 लाख टन रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन हो सकता है. वहीं इस साल गेहूं के कुल क्षेत्रफल पर नजर डालें तो वह 86.81 एकड़ है.
द ट्रिब्यून के द्वारा दी गई जानकारियों के मुताबिक इस बार गेहूं की उपज 22-24 क्विंटल प्रति एकड़ के बीच है, जबकि पिछले साल यह 18 क्विंटल प्रति एकड़ थी. इस वर्ष गेहूं का कुल क्षेत्रफल 86.81 एकड़ है. पिछले साल फरवरी और मार्च में भीषण गर्मी के कारण उपज घटकर 18 क्विंटल प्रति एकड़ रह गई थी. इस साल मौसम के इसी तरह के मिजाज की उम्मीद में सरकार ने प्रति एकड़ 19-20 क्विंटल उपज हासिल करने का लक्ष्य रखा था. लेकिन गेहूं की आवक अब मंडियों में बढ़ रही है, इसलिए लक्ष्य से अधिक उपज मौर, संगरूर, बरनाला, लुधियाना और बठिंडा की मंडियों में बताई जा रही है. मालवा में बेमौसमी बारिश और हवा से प्रभावित स्थानों पर उपज 17-18 क्विंटल प्रति एकड़ के बीच है.
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बठिंडा के बजाक गांव के किसान बलदेव सिंह ने कहा कि मार्च में लगातार बारिश और तेज हवाओं से अप्रभावित खेतों में उपज 22 से 24 क्विंटल प्रति एकड़ तक पहुंच रही है. जबकि पिछले साल यह 20 क्विंटल को पार नहीं कर पाई थी. मौर में, कमीशन एजेंट रजनीश जैन ने भी कहा कि मंडियों में फसल लाने वाले किसान पिछले साल 18-19 क्विंटल के मुकाबले 24 क्विंटल की उपज की रिपोर्ट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि बारिश के कारण कुछ जिलों में फसलों को नुकसान हुआ है. लेकिन अन्य जिलों में 22-24 क्विंटल की अधिक उपज ने हमें हैरान भी कर दिया है. पंजाब निदेशक कृषि गुरविंदर सिंह ने कहा कि अधिक उपज यह सुनिश्चित करेगा कि हम केंद्रीय पूल के लिए 125-130 एलएमटी गेहूं देने की केंद्र की उम्मीद पर खरा उतरेंगे. पिछले साल, पंजाब केंद्रीय पूल में सिर्फ 96.45 लाख टन गेहूं का योगदान कर पाया था.