Wheat Price: रिकॉर्ड बुवाई के बीच दिल्ली में 2900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचा गेहूं का भाव

Wheat Price: रिकॉर्ड बुवाई के बीच दिल्ली में 2900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचा गेहूं का भाव

कमोडि‍टी विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं का मौजूदा बाजार एमएसपी से 36 फीसदी ज्यादा है. ऐसे में अगर गेहूं की बढ़ती कीमतों पर अभी नियंत्रण नहीं लगाया गया तो केंद्र सरकार के लिए अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले रबी मार्केट‍िंग सीजन में गेहूं की पर्याप्त खरीद करना मुश्किल हो जाएगा. 

कब कम होगी गेहूं के दाम की तेजी. (File Photo) कब कम होगी गेहूं के दाम की तेजी. (File Photo)
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Jan 04, 2023,
  • Updated Jan 04, 2023, 10:52 AM IST

राजधानी दिल्ली में गेहूं की कीमत 2,890-2,900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है. कमोड‍िटी व‍िशेषज्ञों का कहना है क‍ि ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS)  के तहत जब तक एफसीआई की ओर से गेहूं की बिक्री पर स्पष्टता नहीं आती है तब तक दिल्ली में गेहूं का भाव 2,850-2,900 रुपये के सीमित दायरे में कारोबार करेगा. गेहूं की कीमतों में करेक्शन तभी आएगा जब ओएमएसएस योजना के तहत एफसीआई की ओर से गेहूं की बिक्री शुरू हो जाएगी, अन्यथा भाव 3,000-3,100 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ सकता है. 

गेहूं की बुआई अभी तक 325 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कि एक साल पहले की समान अवधि से 3.6 फीसदी ज्यादा है. एक साल पहले की समान अवधि में 313.8 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हुई थी. दरअसल, साल भर गेहूं का भाव आकर्षक बना रहा है और अन्य रबी फसलों की तुलना में इससे अच्छी कमाई हुई थी. वहीं परती वाली जमीन में भी गेहूं की खेती बढ़ी है. इसके बावजूद इस साल ओपन मार्केट में गेहूं का भाव टूट नहीं रहा है. 

एमएसपी पर खरीद की चुनौती 

ओर‍िगो कमोड‍िटी के र‍िसर्चर इंद्रजीत पॉल का कहना है क‍ि गेहूं का मौजूदा बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से 36 फीसदी ज्यादा है और अगर गेहूं की बढ़ती कीमतों पर अभी नियंत्रण नहीं लगाया गया तो केंद्र सरकार के लिए अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले आगामी सीजन में गेहूं की पर्याप्त खरीद करना मुश्किल हो जाएगा. 

मार्च 2023 के अंत तक केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 9 से 11 मिलियन मीट्रिक टन की सीमा में रहने की संभावना है जो कि 2017 के बाद दूसरा सबसे निचला स्तर है. इसलिए सरकार आने वाले सीजन में अपने अन्न भंडार को भरने के लिए आक्रामक रूप से गेहूं की खरीद करेगी. ऐसे में उम्मीद है कि भाव तोड़ने के ल‍िए सरकार 2023 की पहली तिमाही में ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री कर सकती है.

व्यापार‍ियों के पास मौजूद है स्टॉक 

पॉल का कहना है क‍ि अगर गेहूं का भाव ओपन मार्केट में कम नहीं हुआ तो इस साल सरकार के ल‍िए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीद मुश्क‍िल होगी. सरकार ने 18 अक्टूबर को मार्केट‍िंग सीजन 2023-24 के लिए रबी फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा की थी. गेहूं के एमएसपी को 110 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. फ‍िर भी यह ओपन मार्केट के भाव से काफी कम है. हालांक‍ि, उत्पादन कम होने के बावजूद गेहूं का भाव ज्यादा होने की वजह से निजी व्यापारियों ने इस साल अच्छी मात्रा में गेहूं का स्टॉक रखा हुआ है. 

इस साल बढ़ सकती है उपज 

पॉल का कहना है क‍ि सीजन के आखिर में हुई बारिश से भूमि को मिलने वाली नमी के बीच बुआई में बढ़ोतरी की वजह से पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं के उत्पादन में 10-13 फीसदी का इजाफा होने की संभावना है. हालांकि एकमात्र चेतावनी का संकेत है जिससे क‍ि गेहूं की उपज प्रभावित हो सकती है, वह दिसंबर के पहले पखवाड़े तक सामान्य से अधिक तापमान है. वहीं दूसरी ओर शीत लहर और पिछले एक सप्ताह में भारत के उत्तरी और उत्तर पश्चिमी हिस्से में तापमान में गिरावट से फसल की सेहत में बढ़ोतरी हो सकती है. 

साथ ही अगले 5-10 दिन के मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार पूरे उत्तर भारत के गेहूं के इलाकों में घना कोहरा और शीत लहर का अनुमान है. दरअसल, तापमान गेहूं की फसल के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो अब शुरुआती चरण में है. ऐसे में तापमान में कोई भी उतार-चढ़ाव फसल के लिए हानिकारक होगा और फसल के आकार को प्रभावित करेगा, इसलिए इसकी बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए.

सरकारी स्टॉक में क‍ितना गेहूं 

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 1 दिसंबर तक केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 19.03 मिलियन मीट्रिक टन था, जो कि सालाना आधार पर 50 फीसदी और मासिक आधार पर 10 फीसदी कम था. 12 दिसंबर तक केंद्रीय पूल में करीब 18.2 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं उपलब्ध है. वहीं 1 जनवरी 2023 को 15.9 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं उपलब्ध रहेगा. इसका अर्थ है कि गेहूं का स्टॉक 13.8 मिलियन मीट्रिक टन के मानक बफर स्टॉक से सिर्फ 2.1 मिलियन मीट्रिक टन ज्यादा रहेगा. 

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