धान के खेतों में नमक डालने से क्या होता है? धान में कब डालते हैं नमक? 

धान के खेतों में नमक डालने से क्या होता है? धान में कब डालते हैं नमक? 

धान को खरीफ के मौसम की एक महत्‍वपूर्ण फसल माना जाता है. यूं तो इस समय मॉनसून पूरे भारत में सुपर एक्टिव है लेकिन कभी-कभी जब मॉनसून में भी बारिश अच्‍छी नहीं होती है तो यही नमक काम आता है. बारिश कम होने के समय में खेतों में नमक का छिड़काव किया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा करने से 15 दिनों तक फसल को सुरक्षित किया जा सकता है

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 27, 2024,
  • Updated Aug 27, 2024, 6:22 PM IST

अक्‍सर आपने घर के बुजुर्गों से सुना होगा कि किसी पेड़ में नमक डालो तो वह सूख जाता है लेकिन अगर हम आपको बताएं कि कभी-कभी किसान धान के खेत में नमक डालते हैं. सुनकर आपको अजीब लगेगा मगर यह सच है. धान के खेत में नमक छिड़कने के काफी फायदे हैं और यह धान को कई तरह की बीमारियों से भी बचाता है. कृषि विशेषज्ञों ने हालांकि धान के खेत में नमक के प्रयोग और इसकी मात्रा को लेकर कई सुझाव दिए हैं. इन सुझावों को मानने से  किसानों को कई तरह के फायदे हो सकते हैं. जानिए आखिर क्‍यों धान के खेतों में डाला जाता है नमक और इसे डालने का सही समय क्‍या है. 

15 दिनों तक सुरक्षित रहती फसल 

धान को खरीफ के मौसम की एक महत्‍वपूर्ण फसल माना जाता है. यूं तो इस समय मॉनसून पूरे भारत में सुपर एक्टिव है लेकिन कभी-कभी जब मॉनसून में भी बारिश अच्‍छी नहीं होती है तो यही नमक काम आता है. बारिश कम होने के समय में खेतों में नमक का छिड़काव किया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा करने से 15 दिनों तक फसल को सुरक्षित किया जा सकता है. नमक के छिड़काव से खेतों में नमी बनी रहती है. ऐसे में अगर बारिश नहीं हो रही है तो ऐसा करके इसे दो हफ्तों तक सुरक्षित करके रखा जा सकता है. 

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आसानी से उपलब्‍ध है तकनीक 

मध्‍य प्रदेश के एक किसान सतीश जोशी ने अखबार राजस्‍थान पत्रिका के साथ धान के खेत में नमक के प्रयोग का अनुभव साझा किया है. उन्‍होंने बताया है कि कम बारिश के समय उन्‍होंने इसी टेक्निक से अपने खेत में लगी धान की फसल को बचाया. उनकी मानें तो यह टेक्निक इतनी आसान है कि इसे कोई भी अपना सकता है. सतीश जोशी के अनुसार खेती महंगी नहीं है लेकिन कुछ किसानों ने इसे महंगी और पहुंच के बाहर बना दिया है. 

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बाकी किसानों को दी सलाह 

सतीश जोशी ने बताया कि उनके क्षेत्र में जब 15 दिनों से बारिश नहीं हुई और धान की फसल चौपट होने की कगार पर आ गई तो उन्‍हें इस टेक्निक की याद आ गई. उनका कहना है कि इस तकनीक को अपनाकर किसान फसल को बचा सकते हैं. जिन खेतों में बारिश की कमी से बड़ी-बड़ी दरारें पड़ जाती हैं और रोपा पीला पड़ जाता है,  वहां किसान एक एकड़ की फसल में 15 किलो नमक (गड़ा नमक) का छिड़काव करके अपनी फसल को बचा सकते हैं. 

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उन्होंने दावा किया है कि बाजार में 5 से 7 रुपए किलो में मिलने वाले  गड़ा नमक के छिड़काव से उन्‍होंने फसल को सुरक्षित रखा. किसान सतीश जोशी अपने खेत में किसी भी तरह की कीटनाशक दवा का प्रयोग नहीं करते और सिर्फ आर्गेनिक फॉर्मिंग पर ही यकीन करते हैं. उन्होंने बाकी किसानों को भी सुझाव दिया है कि वह अपने खेतों में नमक का छिड़काव जरूर करें ताकि फसलों को जीवनदान मिल सकें. 

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