मॉडर्न कृषि तकनीक सीखने विदेश जाएंगे किसान, मूंगफली, मिर्च-मटर फसलों की पैदावार बढ़ाएगी राज्य सरकार

मॉडर्न कृषि तकनीक सीखने विदेश जाएंगे किसान, मूंगफली, मिर्च-मटर फसलों की पैदावार बढ़ाएगी राज्य सरकार

लगभग 4,000 करोड़ रुपये की लागत वाले 6 साल अवधि के प्रोजेक्ट UP-AGREES के जरिए सीधे किसानों, किसान समूहों, मछली पालकों और कृषि से जुड़ी एमएसएमई यूनिट को लाभ मिलेगा. यूपी एग्रीस प्रोजेक्ट पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 जिलों और बुंदेलखंड के 7 जिलों में लागू किया जाएगा.

पूर्वांचल, बुंदेलखंड में ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने पर खास फोकस रहेगा.पूर्वांचल, बुंदेलखंड में ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने पर खास फोकस रहेगा.
क‍िसान तक
  • Aug 07, 2024,
  • Updated Aug 07, 2024, 4:01 PM IST

खेती-किसानी के विकास के लिए किसानों को मॉडर्न कृषि तकनीक सीखने के लिए विदेश भेजने की तैयारी चल रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने मूंगफली, मिर्च, मटर समेत अन्य फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए राज्य सरकार क्लस्टर विकसित करेगी. जबकि, कृषि प्रोडक्ट के निर्यात के लिए जेवर हवाई अड्डे के पास निर्यात केंद्र स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है. वहीं, पूर्वांचल, बुंदेलखंड में ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने पर खास फोकस रहेगा.

उत्तर प्रदेश में फसल उत्पादकता बढ़ाने और मूंगफली, मिर्च समेत अन्य फसलों के लिए क्लस्टर विकसित करने के लिए सरकार योजना पर काम कर रही है. एजेंसी के अनुसार कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कृषि विकास और ग्रामीण उद्यमिता सुदृढ़ीकरण (UP-AGREES) परियोजना शुरू करने जा रही है. इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सोमवार को विश्व बैंक के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की. 

कृषि तकनीक सीखने विदेश जाएंगे किसान 

सरकार की ओर से कहा गया कि योजना के तहत फसल उत्पादकता बढ़ाने और मूंगफली, मिर्च और हरी मटर जैसी फसलों के लिए क्लस्टर विकसित करने के साथ-साथ निर्यात को बढ़ावा देने के लिए संबंधित उद्योगों के लिए नए क्लस्टर विकसित करने का प्रयास किया जाएगा. सरकार नई तकनीकों में प्रशिक्षण के लिए किसानों को विभिन्न देशों में भेजने की योजना बना रही है और कृषि क्षेत्र को वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी.

एफपीओ, एग्री कारोबारियों को भी फायदा मिलेगा

विश्व बैंक की मदद से शुरू की गई इस परियोजना का उद्देश्य किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (FPO) और कृषि उद्यमियों को तकनीकी सहायता और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना है. सोमवार को विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 187.70 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि वाला उत्तर प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जहां कुल उपलब्ध भूमि के 76 फीसदी पर खेती की जाती है. सीएम ने कहा कि चाहे वह जनशक्ति हो, पानी की उपलब्धता हो या जलवायु क्षेत्र हो, उत्तर प्रदेश में देश के कृषि क्षेत्र का पॉवरहाउस बनने की पूरी क्षमता है. 

जेवर एयरपोर्ट पर एग्री एक्सपोर्ट के लिए सेंटर बनेगा 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड में राज्य की 7 फीसदी आबादी रहती है और कृषि उत्पादन में केवल 5.5 फीसदी का योगदान देता है. इस परियोजना के साथ हमारा लक्ष्य इन क्षेत्रों में जलवायु अनुकूल और व्यावसायिक रूप से किसानों को मदद करने वाली एग्रीकल्चर सिस्टम विकसित करना है. उन्होंने कृषि निर्यात को बढ़ाने के लिए गौतम बुद्ध नगर में जेवर हवाई अड्डे के पास एक निर्यात केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है. 

पहले चरण में पूर्वांचल और बुंदेलखंड को मिलेगा लाभ  

उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा हुई है. लगभग 4,000 करोड़ रुपये की लागत वाला यह 6 साल का प्रोजेक्ट सीधे किसानों, किसान समूहों, मछली पालकों और कृषि से जुड़ी एमएसएमई यूनिट को लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि यूपी एग्रीस प्रोजेक्ट पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 जिलों और बुंदेलखंड के 7 जिलों में लागू की जाएगी. इस परियोजना से 10 लाख किसानों को सीधे सहायता मिलेगी, जिसमें 30 फीसदी महिला किसान शामिल हैं और एक लाख से अधिक मछुआरा परिवारों को सहायता मिलेगी. इसके अलावा 500 किसानों को मॉडर्न कृषि तकनीकों के बारे में जानने के लिए विदेश ले जाया जाएगा. 

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