केसर की खेती से बदलेगी बंगाल के किसानों की किस्मत! एक साथ तीन विधियों से शुरू हुआ ट्रायल 

केसर की खेती से बदलेगी बंगाल के किसानों की किस्मत! एक साथ तीन विधियों से शुरू हुआ ट्रायल 

Saffron Farming: पश्चिम बंगाल में पहली बार उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर फ्लोरीकल्चर एंड एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट (COFAM) विभाग की प्रयोगशाला में केसर की खेती की जा रही है. विभाग ने COFAM की प्रयोगशाला में वैज्ञानिक विधि सहित कुल तीन विधियों से प्रायोगिक तौर पर केसर की खेती शुरू की है.

केसर की खेती से बदलेगी बंगाल के किसानों की किस्मतकेसर की खेती से बदलेगी बंगाल के किसानों की किस्मत
क‍िसान तक
  • Siliguri,
  • Sep 08, 2023,
  • Updated Sep 08, 2023, 5:31 PM IST

पश्चिम बंगाल में पहली बार उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर फ्लोरीकल्चर एंड एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट (COFAM) विभाग की प्रयोगशाला में केसर की खेती की जा रही है. विभाग ने COFAM की प्रयोगशाला में वैज्ञानिक विधि सहित कुल तीन विधियों से प्रायोगिक तौर पर/experimentally केसर की खेती शुरू की है. अगर यह सफल हुआ तो उत्तर बंगाल के किसानों को इसकी खेती की ट्रेनिंग दी जाएगी. यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का मानना है कि इससे किसानों को फायदा होगा, क्योंकि केसर की कीमत काफी ज्यादा है. आमतौर पर अन्य खेती की तुलना में मुनाफा बहुत ज्यादा होगा.

सीओएफएएम की ओर से अमरेंद्र पांडे ने कहा कि केसर की खेती मुख्य रूप से कश्मीर में होती है. वहीं केसर  बहुत महंगा मसाला है. पश्चिम बंगाल में यह पहली बार है कि केसर की खेती किसी प्रयोगशाला में की जा रही है. अगर सबकुछ अच्छा रहता है और फूल खिलेंगे, तो हम किसानों को खेती की ट्रेनिंग देंगे और मार्केटिंग में भी मदद करेंगे.

केसर की खेती का तीन विधियों से शुरू हुआ ट्रायल 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक विभाग ने पिछले गुरुवार से प्रायोगिक तौर पर खेती शुरू कर दी है. उन्होंने लगभग 100 केसर कॉर्म, एक बल्ब जैसी संरचना, जिससे पौधा उगता है, के साथ ट्रायल के तौर पर तीन विधि से खेती शुरू की है. वे कर्सियांग में खुले मैदान में, सीओएफएएम प्रयोगशाला में और विश्वविद्यालय परिसर में एक पॉली हाउस के अंदर हाइड्रोपोनिक प्रक्रिया के साथ केसर की खेती कर रहे हैं. कर्सियांग में, उन्होंने एक खुले मैदान में बीज को बोया है. COFAM प्रयोगशाला में वैज्ञानिक विधि से खेती की जा रही है.

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जानकारी के मुताबिक केसर उचित तापमान पर 10/10 के छोटे कमरे में भी आसानी से उगाया जा सकता है. कमरे में लगभग 10000 कॉर्म रखे जा सकते हैं. जिससे करीब 4 किलो केसर का उत्पादन हो सकता है. वहीं एक  किलो केसर के उत्पादन के लिए 70 किलो केसर के फूलों की आवश्यकता होती है. इसकी खेती का सही समय सितंबर से दिसंबर तक होता है. आमतौर पर, फूल नवंबर के महीने में खिलते हैं. 1 किलो केसर का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 3 लाख रुपये है. 

केसर की खेती कहां होती है?

मालूम हो कि केसर की खेती को मुख्य रूप से यूरोप और एशियाई भागों में किया जाता है. ईरान और स्पेन जैसे देश पूरी दुनिया का 80 प्रतिशत तक का केसर उत्पादित करते हैं. यह केसर समुद्र तल से 1000 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है. केसर की खेती के लिए बर्फीले प्रदेशों को उचित माना जाता है. वहीं भारत में मुख्य रूप से केसर की खेती कश्मीर में होती है. केसर की खेती कर किसान अच्छी कमाई भी कर सकते हैं. (सिलीगुड़ी से जॉयदीप बैग की रिपोर्ट)

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