मई महीने की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में देश में अब गर्मी का मौसम आ गया है. रबी सीजन के फसलों की कटाई भी लगभग पूरी हो चुकी. ऐसे में किसान अब गर्मी वाली फसलों की तैयारी कर रहे हैं. गर्मियों में आम तौर पर वहीं किसान खेती कर पाते हैं जिनके पास सिंचाई की सुविधा होती है. आमतौर पर गर्मियों में सरसों, गेहूं और दलहनी फसलों की कटाई के बाद खेत खाली हो जाता है. इसके बाद किसान गर्मी में बोई जाने वाली कई फसलों और सब्जियों की खेती करते हैं. इनमें मक्का, बाजरा, मूंगफली, सूरजमुखी, टमाटर, भिंडी और लौकी जैसी सब्जियां उगाते हैं.
यह ऐसी खेती है जो बेहद कम समय में तैयार हो जाती है और इसे बेचकर किसान अच्छे पैसे कमा सकते हैं. तो इस खबर में हम आपको कुछ ऐसे ही फसलों और सब्जियों के बारे में बताएंगे जिनकी खेती करके किसान कम समय में अच्छी उपज हासिल कर सकते हैं. साथ ही ये सब्जियां कम सिंचाई में भी यह बेहतर उपज देती हैं.
सूरजमुखी की खेती: गर्मी के दिनों में सूरजमुखी की खेती करना बेस्ट माना जाता है. सूरजमुखी की खेती करने से पहले भी किसान मिट्टी की क्वालिटी के हिसाब से ही बीजों की बुवाई करें. कृषि एक्सपर्ट की मानें तो सूरजमुखी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेहतर मानी गई है. खास बात यह है कि बीजों की बुवाई करने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लें. इसके बाद पाटा चलाकर खेत को समतल कर दें. साथ ही इसकी खेती में कम पानी की जरूरत होती है.
मक्के की खेती: मक्के की खेती के लिए खेत में मोल्डबोर्ड हल का उपयोग करें और 2-3 बार जुताई करें. वहीं, मिट्टी को भुरभुरी बनाने के लिए रोटावेटर का इस्तेमाल करें. फिर खेतों में गोबर खाद या कंपोस्ट का छिड़काव करें. मक्का की बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे. वहीं, इसकी खेती में 45 से 65 दिन बाद मिट्टी में नमी चेक करें और जरूरत पड़ने पर हल्की सिंचाई करें.
बाजरे की खेती: बाजरे की खेती के लिए, किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. यह एक सूखा प्रतिरोधी फसल है और इसे विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है. बाजरे की बुवाई के लिए गर्मी का पहला सप्ताह सबसे अच्छा समय होता है. ऐसे में इस गर्मी आप बाजरे की खेती करके बंपर उत्पादन ले सकते हैं.
मूंगफली की खेती: गर्मी के दिनों में मूंगफली की खेती करने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और मिट्टी का कटाव भी कम होता है. ऐसे में मूंगफली की खेती के लिए, सही मिट्टी का चयन करना चाहिए. मूंगफली की खेती के लिए, हल्की पीली दोमट मिट्टी अच्छी होती है. खेत की तैयारी के समय, गोबर की सड़ी हुई खाद को मिट्टी में मिला देना चाहिए. फिर तैयार किए गए खेत में बीज की बुवाई करनी चाहिए.
भिंडी की खेती: भिंडी की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में आसानी से की जा सकती है. इसकी खेती के लिए खेत को तैयार करके पौधे को थोड़ी दूरी में लगाया जाता है. वहीं, जिस खेत में भी भिंडी की खेती करें, उसमें ध्यान रखें कि पानी ना रुके. वरना पौधे खराब हो सकते हैं.
टमाटर की खेती: गर्मी में किसान बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती कर सकते हैं. अब जान लेते हैं कि आखिर टमाटर की कैसे बुवाई करने से किसानों को अच्छा उत्पादन मिल सकता है. दरअसल, टमाटर की बुवाई लाइन से लाइन और पौधे से पौधे की दूरी में करनी चाहिए. टमाटर की किस्मों को 60 से.मी लाइन से लाइन और 45 से.मी पौधे से पौधे की दूरी पर बीज की बुवाई करनी चाहिए.
लौकी की खेती: गर्मी के दिन में किसान लौकी की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं. लौकी की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली भूमि की आवश्यकता होती है क्योंकि खेत में ज्यादा देर तक पानी ठहरने पर फसल खराब हो जाती है. वही इसकी सफल खेती के लिए हल्की दोमट भूमि उचित मानी जाती है.