केंद्र और राज्य सरकारें दलहन और तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके. पिछले साल मॉनसून सीजन में अच्छी बारिश और ज्यादा बुवाई के चलते इस बार देश में तिलहन फसल सोयाबीन का बंपर उत्पादन हुआ. वहीं अब आगामी सीजन में बुवाई को लेकर हो रही तैयारियों से भी ऐसा लग रहा है कि इस बार फिर से किसान सोयाबीन की बुवाई को लेकर उत्साहित है. इस बार तेलंगाना में सोयाबीन का बुवाई क्षेत्र दोगुना से ज्यादा होने का अनुमान है. राज्य ने यह उम्मीद जताई है.
तेलंगाना सरकार को उम्मीद है कि सोयाबीन का रकबा पिछले साल के 1.61 लाख हेक्टेयर बुवाई से बढ़कर 3.6 लाख हेक्टेयर पर पहुंच जाएगा. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल तेलंगाना में कपास का रकबा भी बढ़ने की उम्मीद है. पिछले साल यहां 17.70 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई थी, जो इस साल बढ़कर 20.23 लाख हेक्टेयर पहुंचने की संभावना है. तेलंगाना के कृषि मंत्री तुम-माला नागेश्वर राव के मुताबिक, धान का रकबा पिछले साल 26.50 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 27 लाख हेक्टेयर हो सकता सकता है.
वहीं, मक्का का रकबा करीब 2.5 लाख हेक्टेयर हो सकता है, जो पिछले साल 2.2 लाख हेक्टेयर था. कृषि मंत्री तुम-माला नागेश्वर राव ने अधिकारियों के साथ खरीफ सीजन की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और इस दौरान उन्हें पर्याप्त बीजों की व्यवस्था करने को कहा. तेलंगाना को 16.7 लाख क्विंटल धान के बीज, 4.8 लाख क्विंटल मक्का के बीज, 1.35 लाख क्विंटल सोयाबीन के बीज और 89 लाख पैकेट (450 ग्राम प्रत्येक) कपास के बीज की जरूरत है. इस पर अफसरों ने जानकारी दी कि 2.4 करोड़ पैकेट कपास के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे.
वहीं, एक अन्य घटनाक्रम में सोमवार को तेलंगाना ने फिलीपींस को चावल की बड़ी खेप निर्यात की. यह खेप 12,500 टन की थी. तेलंगाना के पास सरप्लस में चावल मौजूद है. राज्य के नागरिक आपूर्ति मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के काकीनाडा बंदरगाह से चावल का कंसाइनमेंट ले जाने वाले जहाज को हरी झंडी दिखाई.
इस खेप से राज्य की 45 करोड़ रुपये की कमाई होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, फिलीपींस ने एक लाख टन चावल और आठ लाख टन धान की डिमांड की है. राज्य के एक सीनियर अफसर ने बताया कि तेलंगाना के चावल की क्वालिटी चेक करने के बाद फिलीपींस सरकार ने यहां से चावल खरीदने में रुचि दिखाई है.