
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से रबी सीजन की बुवाई प्रगति के आंकड़े सामने आए हैं. मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में रबी फसलों की बुवाई में इस साल उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 31 अक्टूबर 2025 तक कुल रबी फसलों की बुवाई का रकबा 75.77 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल इसी अवधि के 65.88 लाख हेक्टेयर के मुकाबले करीब 9.89 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. बता दें कि रबी सीजन का कुल लक्षित बुवाई रकबा 637.80 लाख हेक्टेयर है.
मुख्य खाद्यान्न फसल गेहूं की बुवाई में अच्छी प्रगति देखी गई है. इस साल 3.34 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में 1.05 लाख हेक्टेयर अधिक है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, मॉनसून में हुई बढ़िया बारिश और अनुकूल मौसम के चलते किसानों ने गेहूं की बुवाई में तेजी दिखाई है.
वहीं, दलहनों की बुवाई में सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इस श्रेणी में कुल रकबा 20.77 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के 16.50 लाख हेक्टेयर की तुलना में 4.28 लाख हेक्टेयर अधिक है. इनमें चने की बुवाई 14.92 लाख हेक्टेयर पर है, जबकि पिछले वर्ष यह 12.15 लाख हेक्टेयर थी. मसूर (लेंटिल) और मटर (फील्डपी) में भी क्रमशः 0.67 और 0.43 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है.
इस रबी सीजन में मोटे अनाज या श्री अन्न फसलों का कुल रकबा मामूली बढ़त के साथ 5.62 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा है, जो पिछले साल से 44 हजार हेक्टेयर अधिक है. रागी में 25 हजार हेक्टेयर की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि ज्वार और मक्का में थोड़ी गिरावट रही.
तिलहन फसलों में इस बार सर्वाधिक बढ़त देखी गई है. अब तक 42.33 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलों की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल के 37.42 लाख हेक्टेयर से 4.91 लाख हेक्टेयर अधिक है. तिलहन फसलों का कुल रकबा 86.77 लाख हेक्टेयर है.
इनमें सरसों और रेपसीड की बुवाई सबसे आगे रही, जो 41.69 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई. यह पिछले साल के मुकाबले लगभग 5 लाख हेक्टेयर अधिक है.
हालांकि, रबी सीजन में धान (चावल) की बुवाई में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है. 2025-26 में रकबा घटकर 3.71 लाख हेक्टेयर रह गया, जो पिछले वर्ष 4.51 लाख हेक्टेयर था. रबी धान का कुल रकबा 42.93 लाख हेक्टेयर है.
बुवाई के आंकड़े बताते हैं कि इस बार रबी फसलों की बुवाई में किसानों का उत्साह अधिक है. विशेष रूप से गेहूं, दलहन और तिलहन क्षेत्रों में बढ़ी बुवाई से संकेत मिल रहा है कि इस साल रबी उत्पादन पिछले साल की तुलना में बेहतर हो सकता है.