मुफ्त मिलेंगे गेहूं के बीजगेहूं रबी सीजन की सबसे अहम फसल होती है और अब इसकी बुवाई का भी समय आ गया है. अगर आप भी गेहूं की बुवाई करना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. क्योंकि बेहतर पैदावार पाने के लिए किसानों को गेहूं की बुवाई का सही समय, इसमें बीज की कितनी उचित मात्रा लगेगी और गेहूं का बीजोपचार कैसे किया जाए. कृषि विशेषज्ञ मानते हैं कि गेहूं की खेती में कितनी पैदावार होगी ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितनी उन्नत किस्म की बुवाई की है और कितनी सही तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है.
इसमें सबसे जरूरी है कि रबी सीजन में गेहूं की बुवाई कितनी समय से की जाए. उत्तरी-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में सिंचित भूमि में गेहूं की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय नवंबर के पहले पखवाड़े को माना जाता है. वहीं, उत्तरी-पूर्वी इलाकों में बुवाई मध्य नवंबर तक पूरी कर लेनी चाहिए. बारानी (असिंचित) क्षेत्रों में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के पहले सप्ताह तक बुवाई करना लाभकारी रहता है. देरी से बुवाई करने पर पैदावार प्रभावित हो सकती है. अगर खेत में पर्याप्त नमी मौजूद है, तो बुवाई 15 नवंबर तक भी की जा सकती है.
गेहूं बुवाई में बीज की मात्रा खेत की स्थिति, बुवाई की विधि और समय पर निर्भर करती है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, जो सिंचित क्षेत्र हैं वहां समय से बुवाई के लिए 100 किलो बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त रहेगा. लेकिन अगर बुवाई में देरी हो जाए, तो बीज की मात्रा बढ़ाकर 125 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर कर सकते हैं. वहीं बारानी क्षेत्रों में समय पर बुवाई करते वक्त 75 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की जरूरत होती है. जो लवणीय या क्षारीय मिट्टी वाले खेत हैं उनमें बीज दर 125 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखनी चाहिए.
अगर आपको गेहूं की फसल बीजजनित रोगों से बचाना है तो बुवाई से पहले बीज का उपचार करना बहुत जरूरी है. इसके लिए प्रति किलोग्राम बीज के लिए 2 ग्राम वीटावैक्स, 2.5 ग्राम कार्बेन्डाजिम, 2 ग्राम थीरम या 2.5 ग्राम मैंकोजेब में से किसी भी एक दवा से उपचार करें.
वहीं ईयर कॉकल और कंडुआ रोग से बचाव के लिए गेहूं के बीजों को 20% नमक के घोल में डुबोकर नीचे बैठ चुके स्वस्थ बीजों को अलग करें. इसके बाद इन फिर इन बीजों को साफ पानी से धोकर सुखाएं और बुवाई करें.
अगर दीमक नियंत्रण करना है तो इसके लिए 600 मिलीलीटर क्लोरोपायरीफॉस (20 ईसी) को पानी में मिलाकर 100 किलो बीजों पर समान रूप से छिड़कें.
ये भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today