करोड़ों रुपये के आम का नुकसान कर देता है ये कीट, अप्रैल में रोकथाम करना बेहद जरूरी

करोड़ों रुपये के आम का नुकसान कर देता है ये कीट, अप्रैल में रोकथाम करना बेहद जरूरी

आम में फल मक्खी की समस्या भारत समेत दुनिया के लिए नासूर है. इस खतरनाक कीट के कारण करोड़ों रुपये के फल का नुकसान होता है. अगर वातावरण में नमी ज्यादा हो तो फल मक्खी के प्रकोप की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. फल मक्खी कीट के कारण आम की उपज में 90 फीसदी नुकसान हो सकता है. अप्रैल में इसकी रोकथाम करना बेहद जरूरी है.

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क‍िसान तक
  • नई दिल्ली,
  • Apr 04, 2025,
  • Updated Apr 04, 2025, 7:10 PM IST

उत्तर भारत में गर्मी के महीने, खासकर जून से जूलाई में पके आम का बाजार में आने का हर आदमी इंतजार करता है, लेकिन इस आम के लिए अप्रैल-मई महीना बेहद नाजुक होता है क्योंकि अगर इस समय आम के बागों पर फल सुरक्षित रहे तो जून से अगस्त तक आम की मिठास मिलती रहेगी. अप्रैल महीने से आम पर खतरनाक कीट फल मक्खी यानी फ्रूट फ्लाई का प्रकोप शुरू हो जाता है. इस कारण बहुत ज्यादा नुकसान होता है. कई देशों में आम का निर्यात होता है, लेकिन कभी-कभी फल मक्खी के कारण भारतीय आमों पर प्रतिबंध लग जाता है जिससे करोड़ों का नुकसान होता है. DRPCAU एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पूसा-समस्तीपुर, बिहार के डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट पैथोलॉजी  हेड डॉ. एसके सिंह ने बताया कि फल मक्खी कीट के कारण आम की उपज में 90 फीसदी नुकसान हो सकता है.

आम के बागानों में फल मक्खी का खतरा 

डॉ एस के सिंह ने बताया कि आम का फल मक्खी कीट अप्रैल-मई महीने में नुकसान करना शुरू कर देता है. उन्होंने बताया कि नवजात सुंडियां पहले छिलके को खाती हैं, इसके बाद सुंडियां आम के अंदर घुसकर गूदे को खाती हैं, जिससे फल खराब हो जाता है. आम के जब आधे आकार के फल तैयार हो जाते हैं, तब फल मक्खी की सुंडियां फल के गूदे को खाती हैं और फल को सड़ा देती हैं. आम के फल मक्खी की समस्या भारत समेत दुनिया के लिए नासूर है. इस कारण खतरनाक कीट के कारण करोड़ों रुपये का फल का नुकसान होता है. अगर वातावरण में नमी ज्यादा हो तो फल मक्खी की प्रकोप संभावना ज्यादा बढ़ जाती है,

खतरनाक कीट फल मक्खी से आम को बचाएं

डॉ. एसके सिंह ने बताया कि इसकी रोकथाम के लिए फ्रूट फ्लाई ट्रैप सबसे बेहतर विकल्प है. आम के बाग में प्रति हेक्टेयर 15-20 फरोमैन ट्रैप लगाकर फ्रूट फ्लाई मक्खी को रोका जा सकता है. इन ट्रैपों को निचली शाखाओं पर 4 से 6 फीट की ऊंचाई पर बांधना चाहिए. एक ट्रैप से दूसरे ट्रैप के बीच में 35 मीटर की दूरी रखें. ट्रैप को कभी भी सीधे सूर्य की किरणों में नहीं रखना चाहिए.

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ट्रैप को आम की बहुत घनी शाखाओं के बीच में नहीं बांधना चाहिए. निचली पत्तियों के ठीक ऊपर पेड़ के छायादार भाग में लटका दें. ट्रैप बाग में स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए कि कहां बांधा गया है. ट्रैप बांधने की अवस्था फल पकने से 60 दिन पहले होनी चाहिए और 6 से 10 सप्ताह के अंतराल पर नर फ्रूट फ्लाई फेरोमोन ल्यूर की सुगंध बदलते रहना चाहिए. फल मक्खी को केमिकल दवाओं से भी रोका जा सकता है, लेकिन फल के ऊपर रसायनों का प्रयोग करने से बचा जाना चाहिए.

बाग को साफ सुथरा रख कर भी इस मक्खी की उग्रता में कमी लाई जा सकती है. फल मक्खी से प्रभावित फल को एकत्र करके बाग से बाहर ले जाकर नष्ट कर देना चाहिए. फेरोमन ट्रैप बाजार में भी मिलता है, खरीद कर आप प्रयोग कर सकते हैं. इस ट्रैप को स्वयं बना भी सकते हैं.  

बिना केमिकल दवा के बचाव का कारगर उपाय 

ट्रैप एक साधारण मेल एनीहिलेशन तकनीक (MAT) पर काम करता है. ट्रैप में एक छोटा प्लास्टिक कंटेनर होता है जिसमें प्लाईवुड का एक टुकड़ा होता है जिसे मिथाइल यूजेनॉल और डाइक्लोरोवोस से उपचारित किया जाता है जिसे पेड़ पर लटका दिया जाता है. यह जाल नर फल मक्खी को आकर्षित करता है. नर की अनुपस्थिति में मादा प्रजनन करने में विफल हो जाती है और इसलिए फल संक्रमण से मुक्त हो जाता है. ट्रैप लगाने से बिना केमिकल आम के इस खतरनाक कीट से रोकथाम हो जाएगा. इसके आलावा इस तरह रोकथाम करें-

  • निरंतर जमीन पर गिरे हुए फल मक्खी से संक्रमित फलों को इकट्ठा करें और उन्हें 60 सेंटीमीटर गहरे गड्ढों में डंप करके और दफन कर दें.
  • फलों के सेट होने के 45 दिन बाद कम से कम 15 दिनों के अंतराल पर तीन बार डेल्टामेथ्रिन 0.03 प्रतिशत का छिड़काव करने से भी इस कीट की उग्रता में कमी आती है.
  • फलों की तुड़ाई से चार सप्ताह पहले 0.03 प्रतिशत डिमेथोएट का छिड़काव भी प्रभावी है. 
  • इस तरह आम का खतरनाक कीट फल मक्खी यानि फ्रूट फ्लाई से निजात पा सकते है.

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