किसान पपीते की खेती से भी अच्छी कमाई कर सकते हैं पपीता एक फल है जिसकी बाज़ार में हमेशा मांग बनी रहती हैं और दाम भी अच्छा मिलता है, ऐसे में किसानों के लिए पपीते की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है. बाज़ार में पपीते के फल की अच्छी कीमत मिलने के कारण इसकी खेती करने वाले किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं
ऐसे में किसान पपीते की अच्छी किस्म से खेती कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा कमा सकते हैं. पपीते की अधिक पैदावार लेने के लिए किसानों को उसको सही समय पर खेती और अच्छी किस्मों का चयन करना बेहद जरूरी है, इसकी कुछ ऐसी किस्में हैं, जिसमें न कीट लगते हैं और न ही रोग होता है. इन किस्मों की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा पपीते की कुछ किस्में विकसित की गई है जिन्हें एक बार लगाने से 2 से 3 साल तक फल प्राप्त कर सकते हैं. जानिए पपीते के ऐसे किस्मों के बारे में जिसे खेती कर किसान अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.
पपीते की यह किस्म वैज्ञानिकों द्वारा 1981 में विकसित की गई थी. इस किस्म के फल मध्यम और छोटे आकार के होते हैं. इस किस्म की खासियत यह है कि इस किस्म से 30 – 35 किलो ग्राम फल प्राप्त होता है. जब इस किस्म के पौधे जमीन से 92 से.मी बड़े हो जाते है, तब फल लगने की क्रिया शुरू हो जाती है.
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इस किस्म को पपीते की सबसे बेहतरीन किस्मों में से एक मानी जाती है. यह उभयलिंगी प्रकृति की किस्म है. कम लंबाई (60-70 सेमी). पर ही इसमें फल लगने शुरू हो जाते हैं. यह उभयलिंगी है, इसलिए इसका बीज-उत्पादन करना आसान है. इसके फल का औसतन वजन 900-1200 ग्राम तक होता है और गुणवत्ता अच्छी होती है.
पपीते की यह किस्म से 55 – 56 किलो ग्राम फल का उत्पादन मिलता है. इसकी खासियत यह है कि इस किस्म की भंडारण क्षमता बहुत अधिक होती है.किसान इस किस्म की खेती अधिक
पपीते की यह किस्म वैज्ञानिकों द्वारा 1986 में विकसित की गई थी. इस किस्म के फल माध्यम और छोटे आकार के होते हैं. इसकी खासियत यह है कि इस किस्म से 40 – 45 किलो ग्राम फल प्राप्त हो सकते हैं. जब इस किस्म के पौधे जमीन से 80 से.मी बड़े हो जाते है, तब फल लगने की क्रिया शुरू हो जाती है. इस किस्म के पौधे की लम्बाई 216 सेंटीमीटर होती है.
इस प्रजाति के पौधे छोटे होते हैं, जैसा नाम से ही प्रतीत हो रहा है. फल अंडाकार होते हैं जिसका वजन 1.0 से 2.0 किलोग्राम तक होता है. पैदावार 40 से 50 किलोग्राम प्रति पौधा है. सघन बागवानी के लिए सबसे बेहतरीन किस्म है.