अमृतसर में धान की खरीदी में आई तेजी, किसानों के खातों में ट्रांसफर किए गए करीब 8 करोड़ रुपये

अमृतसर में धान की खरीदी में आई तेजी, किसानों के खातों में ट्रांसफर किए गए करीब 8 करोड़ रुपये

जिला अधिकारियों ने कहा कि बासमती खरीदने वाले निजी व्यापारियों को अपने स्टॉक को समय पर उठान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि धान की कटाई में तेजी आने पर अनाज मंडियों में अधिक जगह की जरूरत होगी. उपायुक्त ने कहा कि किसान ऐसी उपज लेकर आएं जिसमें नमी की मात्रा निर्धारित सीमा के भीतर हो, ताकि उसी दिन उसकी खरीद की जा सके.

धान की क‍ितनी हुई खरीद. धान की क‍ितनी हुई खरीद.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 11, 2024,
  • Updated Oct 11, 2024, 11:09 AM IST

पंजाब की मंडियों में धान खरीदी में धीरे- धीरे तेजी आ रही है. अमृतसर जिले की मंडियों में धान की आवक और खरीद पिछले हफ्ते के मुकाबले बढ़ गई है. बुधवार शाम को अनाज मंडियों में 16,653 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है. खास बात यह है कि सरकारी खरीद एजेंसियों और कमीशन एजेंटों ने भी उठान प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू कर दिया है. उपायुक्त साक्षी साहनी ने कहा कि खरीद एजेंसियों को अनाज उठाए जाने के 48 घंटे के भीतर किसानों को उनके धान के बदले भुगतान करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि एजेंसियों ने अब तक किसानों को 7.97 करोड़ रुपये वितरित किए हैं.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, साधारण किस्म के धान के अलावा 2.74 लाख मीट्रिक टन बासमती भी मंडियों में आ चुकी है. जिला अधिकारियों ने कहा कि बासमती खरीदने वाले निजी व्यापारियों को अपने स्टॉक को समय पर उठान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि धान की कटाई में तेजी आने पर अनाज मंडियों में अधिक जगह की जरूरत होगी. उपायुक्त ने कहा कि किसान ऐसी उपज लेकर आएं जिसमें नमी की मात्रा निर्धारित सीमा के भीतर हो, ताकि उसी दिन उसकी खरीद की जा सके.

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धान में 17 प्रतिशत से अधिक नहीं हो नमी

उन्होंने कहा कि सरकार ने नमी की ऊपरी सीमा 17 प्रतिशत तय की है, जिसके बाद खरीद एजेंसियां ​​धान की खरीद नहीं करेंगी. डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि बासमती की खरीद निजी एजेंसियों द्वारा की जा रही है, जबकि पनग्रेन, मार्कफेड, पनसप, भारतीय खाद्य निगम और पंजाब राज्य भंडारण निगम गैर-बासमती किस्म का धान खरीद रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों को मंडियों में किसी तरह की असुविधा नहीं होगी. डीसी ने कहा कि मंडियों में धान के ढेर लगने से रोकने के लिए जरूरी है कि किसान सूखी फसल लेकर आएं. उन्होंने मंडी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रवेश द्वार पर ही धान का निरीक्षण करें और 17 प्रतिशत से अधिक नमी वाली फसल को मंडियों में न आने दें.

जालंधर में नहीं हो रही धान की लिफ्टिंग

वहीं, नवांशहर और जालंधर की अनाज मंडियों में धान की लिफ्टिंग नहीं हो रही है. नवांशहर जिले में 30 गांव और जालंधर में 79 गांव हैं. हालांकि, किसानों द्वारा मंडियों में लाई गई उपज की खरीद की जा रही है. जालंधर में गुरुवार को 4,888 मीट्रिक टन धान की आवक हुई. कुल मिलाकर 18,820 मीट्रिक टन धान मंडियों में आ चुका है और 12,178 मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है. खरीद के बाद उपज मंडियों में ही पड़ी हुई है. बंगा के नौरा गांव के सतनाम सिंह ने कहा कि मैं जो उपज मंडी में लाया था, उसकी खरीद हो चुकी है, लेकिन उसका उठान नहीं हुआ है. आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान कश्मीरी लाल ने कहा कि शेलर में जगह नहीं है, इसलिए उठान नहीं हो रहा है.

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