अब किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नहीं जाना पड़ेगा मंडी, डायरेक्ट खेतों से सब्जियां खरीदेगी यह समिति

अब किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नहीं जाना पड़ेगा मंडी, डायरेक्ट खेतों से सब्जियां खरीदेगी यह समिति

अधिकारियों ने इस पहल के बारे में किसानों के बीच जागरूकता फैलाना शुरू कर दिया है. कहा जा रहा है कि किसानों से प्याज और टमाटर को छोड़कर, ब्रोकली, चुकंदर, बीन्स और डबल बीन्स जैसी सब्जियां खरीदी जाएंगी. एनसीएमएस उझावर संथाई के पास ऊटी नगरपालिका बाजार में नीलामी केंद्र में सब्जियां खरीदेगी और उन्हें वितरित करेगी.

The report addresses the growing challenges of unhealthy diets, malnutrition, and environmental issues. (Photo: Getty Images)The report addresses the growing challenges of unhealthy diets, malnutrition, and environmental issues. (Photo: Getty Images)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 16, 2024,
  • Updated Sep 16, 2024, 4:27 PM IST

 तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में उगाई गईं ताजी सब्जियों का स्वाद अब चेन्नई सहित कई शहरों और कस्बों के लोग लेंगे. खास बात यह है कि इसके लिए नीलगिरी जिले के किसानों को अपने खेत में उगाई गईं सब्जियों को बेचने के लिए दूसरे शहर या जिलों में नहीं जाना पड़ेगा. बल्कि नीलगिरी सहकारी विपणन समिति (एनसीएमएस) किसानों से खुद आलू और गाजर सहित कई तरह की सब्जियां खरीदेगी और दूसरे जिलों की मंडियों में बेचेगी. 

अधिकारियों ने इस पहल के बारे में किसानों के बीच जागरूकता फैलाना शुरू कर दिया है. कहा जा रहा है कि किसानों से प्याज और टमाटर को छोड़कर, ब्रोकली, चुकंदर, बीन्स और डबल बीन्स जैसी सब्जियां खरीदी जाएंगी. एनसीएमएस उझावर संथाई के पास ऊटी नगरपालिका बाजार में नीलामी केंद्र में सब्जियां खरीदेगी और उन्हें वितरित करेगी. एनसीएमएस के पास 8 टन क्षमता वाला एक ट्रक है और वह परिवहन खर्च वहन करेगी. सहकारिता, खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण विभाग (तमिलनाडु) के पूर्व प्रधान सचिव के गोपाल ने इस योजना का प्रस्ताव रखा था और इसे वर्तमान सचिव जे राधाकृष्णन द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है.

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क्या है सहकारी समिति की तैयारी

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य राज्य की राजधानी के निवासियों को नीलगिरी की पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी में उगाई जाने वाली उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियां उपलब्ध कराना है. नीलगिरी सहकारी समितियों के संयुक्त रजिस्ट्रार आर धयालन ने कहा कि मंत्री केआर पेरियाकरुप्पन ने हमारे (सहकारी समितियों के) विभाग को कोयंबटूर और चेन्नई के बीच रास्ते में फार्म फ्रेश स्टोर खोलने का निर्देश दिया है. कर्नाटक के कोलार से खरीदे गए आलू की तुलना में प्रति किलोग्राम आलू की अधिक कीमत के बावजूद, लोग ऊटी की सब्जियों को उनकी ताजगी और गुणवत्ता के लिए पसंद करते हैं.

इन शहरों में होगी सब्जियों की बिक्री

नीलगिरी में उगाए जाने वाले फर्स्ट कटैगरी के आलू की कीमत बाजार में 45 रुपये से 51 रुपये है, जबकि सेकंड कटैगरी के आलू की कीमत 25 से 30 रुपये किलो है. हालांकि, चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में एक किलोग्राम कोलार आलू 30 रुपये से 35 रुपये में बिकता है. विभाग मेट्टुपालयम, मेट्टूर, तिरुवन्नामलाई, वेल्लोर, कांचीपुरम और चेन्नई में या मेट्टुपालयम, अथुर, सेलम, कल्लाकुरिची, विल्लुपुरम, सेंगलपट्टू और चेन्नई के रास्ते में नीलगिरी की सब्जियां बेचने की योजना बना रहा है. धायलान ने कहा कि खेत से ताजा सब्जियां आने के बाद हम इन जिलों में सप्ताह में दो बार सब्जियां भेजने का इरादा रखते हैं. चेन्नई में फिलहाल पन्नई पासुमई आउटलेट है, जहां टमाटर कम कीमत पर बेचे जाते हैं. जल्द ही, गाजर और आलू भी आउटलेट में बेचे जाएंगे. 

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