Wheat Price: गेहूं के दाम कम करने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, जमाखोरों पर कसेगा शिकंजा

Wheat Price: गेहूं के दाम कम करने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, जमाखोरों पर कसेगा शिकंजा

सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं को गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा और हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति को अपडेट करना होगा. कोई भी संस्था जो पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराती है या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है, उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. 

देश में गेहूं का र‍िटेल और थोक दाम क‍ितना है? देश में गेहूं का र‍िटेल और थोक दाम क‍ितना है?
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Sep 13, 2024,
  • Updated Sep 13, 2024, 10:35 PM IST

केंद्र सरकार ने गेहूं के दाम को कम करने और इसकी जमाखोरी व सट्टेबाजी को रोकने के लिए गेहूं पर नई स्टॉक लिमिट लगा दी है. यह सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी. सरकार गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रख रही है, ताकि इसका दाम न बढ़े. दरअसल मांग से अधिक उत्पादन होने के बावजूद गेहूं का दाम बढ़ रहा है, जिससे सरकार चिंतित है. अब उसने जमाखोरी रोकने के लिए स्टॉक लिमिट को संशोधित कर दिया है. रबी 2024 के दौरान कुल 1129 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन दर्ज किया गया, जबकि मांग लगभग 1001 लाख टन की ही है.

होगी दंडात्‍मक कार्रवाई 

सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं को गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा और हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति को अपडेट करना होगा. कोई भी संस्था जो पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराती है या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है, उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. 

यदि उपरोक्त संस्थाओं के पास उपरोक्त निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा. केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन स्टॉक सीमाओं की बारीकी से निगरानी करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई कृत्रिम कमी न पैदा हो. 

गेहूं का कितना है दाम

उपभोक्ता मामले मंत्रालय के प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के मुताबिक 13 सितंबर को देश में गेहूं का औसत दाम 31.06 रुपये, अधिकतम 58 और न्यूनतम 22 रुपये प्रति किलो रहा. जबकि इसकी एमएसपी 22.75 रुपये प्रति किलो है. इसी तरह गेहूं के आटे का दाम भी आसमान पर पहुंच गया है. देश में आटा का औसत दाम 35.97,  अधिकतम 70 और न्यूनतम 28 रुपये प्रति किलो रहा. इसलिए सरकार परेशान है. सरकार कहीं न कहीं यह मानकर चल रही है कि जमाखोरी की वजह से दाम बढ़ रहा है. बहरहाल, देखना यह है कि सरकार के इस फैसले से गेहूं और आटे का दाम घटता है या नहीं.

और कौन-कौन से बड़े फैसले 

शुक्रवार को गेहूं के अलावा सरकार ने बासमती और प्‍याज के दामों को लेकर भी बड़ा फैसला किया है. केंद्र सरकार ने प्‍याज एक्सपोर्ट को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. इस पर लगाए गए 550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) की शर्त को हटा दिया गया है. प्याज के साथ-साथ केंद्र सरकार ने बासमती चावल को लेकर भी इसी तरह का फैसला लिया है. बताया गया है कि बासमती चावल पर लगी 850 डॉलर प्रति टन की एमईपी भी हटा ली गई है. 

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