केंद्र सरकार तूर या अरहर दाल उत्पादकों को सही दाम देने के लिए एमएसपी दर पर खरीद करने की घोषणा की है. इस बार रबी फसलों की सरकारी खरीद प्रक्रिया करीब 25 से 30 दिन पहले शुरू हो रही है. केंद्र ने एफसीआई के अलावा सहकारी समितियों को किसानों से उनकी फसल खरीदने के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में तूर दाल की उपज खरीद करने की जिम्मेदारी सहकारी समिति नेफेड को सौंपी गई है. नेफेड ने किसानों से अपनी उपज एमएसपी पर बेचने के लिए ई-समृद्धि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने को कहा है. बता दें कि 2023-24 के लिए तूर दाल पर एमएसपी रेट 300 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है.
दलहन के क्षेत्र में 2027 तक आत्मनिर्भरता का लक्ष्य है. सरकार के अनुसार तूर दाल बेचने के लिए किसानों को भटकना नहीं पड़ेगा. MSP पर पूरी दलहन खरीदने की जिम्मेदारी अब NAFED की है. नेफेड ने किसानों से कहा है कि वह ई-समृद्धि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें और फसल बिक्री को लेकर निश्चिंत हो जाएं. बता दें कि केंद्र सरकार ने किसानों से दलहन खरीद के लिए जनवरी में पोर्टल को लॉन्च किया गया है. ई-समृद्धि पोर्टल esamridhi.in पर अब तक 1.37 करोड़ किसान रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
केंद्र सरकार किसानों से तूर दाल की खरीद एमएसपी पर नेफेड के माध्यम से कर रही है. 2023-24 में तूर दाल की खरीद के लिए एमएसपी दर में 300 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है, जिसके बाद तूर दाल की एमएसपी दर 7000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है. इससे पहले 2022-23 में 6600 रुपये एमएसपी दर थी और उससे पहले 2021-22 में तूर दाल की खरीद के लिए एमएसपी दर 6300 रुपये प्रति क्विंटल थी.
देश में तूर दाल का उत्पादन खपत की तुलना में काफी कम है, इसके चलते विदेश से तूर दाल आयात करनी पड़ती है. देश में 2022-23 के फसल वर्ष में अरहर दाल का कुल उत्पादन 30 लाख टन रहा है, जबकि इसकी खपत 45 लाख टन के करीब है. खरीफ सीजन में तूर का उत्पादन 34 लाख टन से ज्यादा दर्ज किया गया. हालांकि, यह पिछले साल की समान फसल सीजन में उत्पादन से थोड़ा कम है.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार अन्य दालों में गिनी जाने वाली तूर दाल का 2023-24 रबी सीजन में बुवाई रकबा 5.10 लाख हेक्टेयर से घटकर 4.80 लाख हेक्टेयर रह गया है. इसके अलावा चना और उड़द दालों का रबी फसल में बुवाई रकबा भी घटा है. दालों का बुवाई रकबा घटने की बड़ी वजह पिछले सीजन में किसानों को सही कीमत नहीं मिलना रहा है. उपज का दाम नहीं मिल पाने से किसानों ने दालों की बुवाई कम कर दी है. ऐसे में सरकार ने किसानों के लिए तूर दाल की एमएसपी दर को बढ़ाया है, ताकि किसान दाल बुवाई के लिए प्रेरित हो सकें और अगले सीजन में बुवाई रकबा बढ़ाया जा सके.