Mustard Procurement: नाफेड ने एमएसपी पर खरीदा 1.69 लाख टन सरसों, क‍िसानों को म‍िले 922 करोड़ रुपये

Mustard Procurement: नाफेड ने एमएसपी पर खरीदा 1.69 लाख टन सरसों, क‍िसानों को म‍िले 922 करोड़ रुपये

देश का सबसे बड़ा सरसों उत्पादक प्रदेश राजस्थान है लेक‍िन एमएसपी पर सरसों की सबसे ज्यादा खरीद हर‍ियाणा में हुई है. यहां 20 मार्च से ही इसकी खरीद जारी है. इस साल ओपन मार्केट में कम भाव के चलते क‍िसान सरकारी सेंटरों पर अपनी उपज बेचने आ रहे हैं. 

चार राज्यों में सरसों की खरीद जारी (Photo-Nafed).  चार राज्यों में सरसों की खरीद जारी (Photo-Nafed).
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Apr 17, 2023,
  • Updated Apr 17, 2023, 6:50 PM IST

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर सरसों की खरीद ने रफ्तार पकड़ ली है. तीन साल बाद ओपन मार्केट में एमएसपी से कम दाम होने पर सरकार इसकी खरीद कर पा रही है वरना क‍िसान ज्यादा भाव की वजह से व्यापार‍ियों को बेचना पसंद कर रहे थे. नाफेड ने अब तक 1,69,217.45 म‍िट्र‍िक टन सरसों की खरीद पूरी कर ली है. द‍िलचस्प बात यह है क‍ि सबसे ज्यादा खरीद हर‍ियाणा में हो रही है, जबक‍ि सबसे बड़ा उत्पादक राजस्थान है. देश में अब तक 84914 क‍िसानों ने एमएसपी पर सरकार को सरसों बेची है, इसके बदले उन्हें 922.24 करोड़ रुपये का भुगतान क‍िया जा चुका है. 

हरियाणा देश का दूसरा सबसे बड़ा सरसों उत्पादक प्रदेश है. यहां देश की 13.5 फीसदी सरसों पैदा होती है. यहां पर अब तक देश में सबसे अध‍िक सरसों की खरीद हो चुकी है. नाफेड के मुताब‍िक हर‍ियाणा में 139226.38 म‍िट्रिक टन सरसों खरीदा जा चुका है. ज‍िसकी वैल्यू 758.78 करोड़ रुपये है. यहां पर सरसों की खरीद 20 मार्च से ही चल रही है. रबी मार्केट‍िंग सीजन 2023-24 में सरसों का एमएसपी 5450 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तय क‍िया है. नाफेड इसी दाम पर खरीदी कर रहा है. त‍िलहन फसलों में सरसों का योगदान करीब 26 फीसदी है. 

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राजस्थान में क‍ितनी हुई खरीद

देश में सबसे अध‍िक सरसों का उत्पादन राजस्थान में होता है. इसमें इसकी ह‍िस्सेदारी 42 फीसदी के आसपास है. इसके बावजूद यहां सरसों की खरीद नहीं हो पा रही है. एमएसपी पर सरसों बेचने के ल‍िए क‍िसान आंदोलन कर रहे हैं. प‍िछले द‍िनों एमएसपी की मांग को लेकर वहां के 101 क‍िसानों ने द‍िल्ली के जंतर-मंतर पर सरसों सत्याग्रह क‍िया था. इसके बावजूद अब तक 4708.40 म‍िट्र‍िक टन ही सरसों खरीदी गई है. ज‍िसकी एमएसपी वैल्यू 25.66 करोड़ रुपये है. 

गुजरात और मध्य प्रदेश का हाल

सरसों उत्पादन में मध्य प्रदेश की ह‍िस्सेदारी करीब 12 प्रत‍िशत और गुजरात की 4.2 फीसदी है. मध्य प्रदेश में अब तक 9977.74 मीट्रिक टन सरसों एमएसपी पर खरीदा गया है. ज‍िसकी एमएसपी वैल्यू 54.38 करोड़ रुपये की है. जबक‍ि गुजरात में 15293.43 मीट्र‍िक टन सरसों खरीदी गई है, ज‍िसके बदले एमएसपी के तौर पर 83.35 करोड़ रुपये द‍िए गए हैं.  

ओपन मार्केट में क‍ितना चल रहा है भाव

त‍िलहन फसलों में भारत आत्मन‍िर्भर नहीं है. इसके बावजूद भारत के क‍िसानों को उच‍ित दाम नहीं म‍िल रहा है. उन्हें एमएसपी पर फसल बेचने के ल‍िए आंदोलन करना पड़ रहा है. दूसरी ओर प‍िछले साल हमने 1.4 लाख करोड़ रुपये का खाद्य त‍ेल आयात क‍िया है. क्योंक‍ि इसके आयात पर जीरो इंपोर्ट ड्यूटी हो गई है. इससे भारत का पैसा भारत के क‍िसानों को म‍िलने की बजाय इंडोनेश‍िया, मलेशिया, रूस, यूक्रेन और अर्जेंटीना जैसे देशों के क‍िसानों की जेब में पहुंच रहा है. ओपन मार्केट में यहां के क‍िसानों को स‍िर्फ 4500 से लेकर 5000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक का भाव म‍िल रहा है.  

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