Mustard Cultivation: किसानों की आमदनी बढ़ाएंगी ये सरसों की दो नई किस्में, जानिए पूरी जानकारी!

Mustard Cultivation: किसानों की आमदनी बढ़ाएंगी ये सरसों की दो नई किस्में, जानिए पूरी जानकारी!

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने सरसों की दो नई किस्में आरएच 1424 और आरएच 1706 विकसित की हैं. ये किस्में ज्यादा उपज, बेहतर तेल गुणवत्ता और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं. जानें किसानों को कैसे मिलेगा सीधा लाभ.

सरसों की बेहतरीन किस्मसरसों की बेहतरीन किस्म
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 29, 2025,
  • Updated Sep 29, 2025, 7:20 AM IST

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू), हिसार के वैज्ञानिकों ने सरसों की दो नई किस्में विकसित की हैं- आरएच 1424 और आरएच 1706. इन किस्मों का लाभ सिर्फ हरियाणा नहीं, बल्कि पंजाब, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और जम्मू के किसानों को भी मिलेगा. इन दोनों किस्मों को विश्वविद्यालय के तिलहन वैज्ञानिकों की एक टीम ने विकसित किया है. इस टीम में शामिल थे डॉ. राम अवतार, आर.के. श्योराण, नीरज कुमार, मनजीत सिंह, विवेक कुमार, अशोक कुमार, और अन्य वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत से इस शोध को अंजाम दिया.

क्या है इन किस्मों की खासियत?

आरएच-1706 सरसों की किस्म कम एरुसिक एसिड वाली और अधिक उपज देने वाली किस्म है, जो प्रति हेक्टेयर लगभग 25-27 क्विंटल उपज देती है और इसे कम सिंचाई की आवश्यकता होती है. यह किस्म हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और जम्मू में खेती के लिए उपयुक्त है और इसके लिए बीज बोने का सही समय सितंबर के मध्य से अक्टूबर के मध्य तक है.

1. आरएच 1424- सूखे इलाकों के लिए उपयुक्त

यह किस्म बारानी (पानी की कमी वाले) क्षेत्रों के लिए बनाई गई है.

  • इसकी औसत उपज है 26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर.
  • पकने में केवल 139 दिन लेती है.
  • बीजों में 40.5% तेल की मात्रा होती है.
  • यह किस्म आरएच 725 से करीब 14% ज्यादा उपज देती है.

2. आरएच 1706- सिंचित इलाकों के लिए बेहतरीन

इस किस्म में इरूसिक एसिड 2% से कम है, जो तेल को स्वास्थ्य के लिए बेहतर बनाता है.

  • इसकी औसत उपज है 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर.
  • पकने में 140 दिन का समय लेती है.
  • बीजों में 38% तेल होता है.

किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?

हरियाणा और राजस्थान, जो देश के प्रमुख सरसों उत्पादक राज्य हैं, उनके किसानों को इन किस्मों से सीधा फायदा मिलेगा. इन नई किस्मों से

  • उत्पादकता बढ़ेगी,
  • तेल की गुणवत्ता सुधरेगी,
  • और सेहत के लिए भी लाभदायक सरसों तेल मिलेगा.

क्यों है यह शोध खास?

  • कुल 21 किस्में अब तक इस विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की जा चुकी हैं.
  • हरियाणा पिछले कई सालों से देश में सबसे ज्यादा सरसों उत्पादकता वाला राज्य है.
  • यह सफलता वैज्ञानिकों की मेहनत और किसानों द्वारा उन्नत तकनीकों को अपनाने की वजह से मिली है.

कुलपति और वैज्ञानिकों की राय

कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि ये किस्में सरसों उत्पादक राज्यों के लिए "मील का पत्थर साबित होंगी".
अनुसंधान निदेशक डॉ. जीत राम शर्मा ने बताया कि नई किस्में न सिर्फ ज्यादा उपज देती हैं, बल्कि कम समय में पकती हैं और बेहतर तेल देती हैं.

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की ये नई खोज किसानों की आमदनी बढ़ाने, देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत करने और स्वास्थ्य के लिए अच्छा सरसों तेल उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है. यदि किसान इन किस्मों को अपनाते हैं, तो निश्चित ही आने वाले समय में सरसों की खेती और बेहतर होगी.

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