महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में देर रात भारी बारिश के बाद स्थिति गंभीर हो गई है. जिले के कई गांव पानी में डूब गए हैं. लगातार बारिश के कारण कई गांवों का संपर्क टूट गया है और कुछ इलाकों में पशुओं को भी नुकसान हुआ है. मराठवाड़ा क्षेत्र के सबसे बड़े जलाशय, जायकवाड़ी बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इसे देखते हुए प्रशासन ने गोदावरी नदी में 1.41 लाख क्यूबिक फीट प्रति सेकंड (क्युसेक) पानी छोड़ा है. जायकवाड़ी बांध के सभी 27 गेट खोल दिए गए हैं. गेट 1 से 9 को 4 फीट और गेट 10 से 27 को 5.5 फीट की ऊंचाई तक खोला गया है. जिला प्रशासन ने गोदावरी नदी के किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित जगह पर जाने की अपील की है. बांध के गेट खोलने के बाद सायरन बजाया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
रात में भारी बारिश के कारण कई नदियां उफान पर आ गईं. शिवना नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि पानी पुल से होकर बहने लगा, जिससे गंगापुर रोड पर यातायात बाधित हो गया. इसी तरह, रंजंगों खुरी गांव भी नदी के पानी में डूब गया. अन्य गांवों तक सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है और लोग पानी का स्तर घटने का इंतजार कर रहे हैं.
वैजापुर तहसील का लोनीखुर्द गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. इंदिरा नगर इलाके में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है. स्थानीय लोग घरों में फंसे बुजुर्गों और महिलाओं को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इंदिरा नगर और गांव के बाकी हिस्से के बीच सभी संपर्क रास्ते पूरी तरह बंद हो गए हैं. लोग तुरंत सरकारी मदद और सुरक्षित जगह पर पुनर्वास की मांग कर रहे हैं.
इसी इलाके के खेतों में पानी जमा होने से स्थिति और खराब हो गई है. खेत अब नदियों जैसे दिख रहे हैं. पानी से फसलें पूरी तरह डूब गई हैं, जिससे किसानों को अपनी फसल बचाने में मुश्किल हो रही है. कई एकड़ में फैली फसलें पूरी तरह डूब गई हैं. इससे किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है, क्योंकि उनकी मेहनत से उगाई फसल अब बर्बाद हो गई है.
पैठण में नाथ सागर मंदिर के पास प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. इसके बावजूद, बड़ी संख्या में लोग गोदावरी नदी के बढ़ते जलस्तर को देखने के लिए जमा हो रहे हैं. बढ़ती भीड़ से प्रशासन की चिंता और बढ़ गई है. भारी बारिश के कारण विश्व प्रसिद्ध एलोरा गुफाओं के पास का झरना भी फिर से बहने लगा है, और यह भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, कल रात नवसारी और डांग जिले में भारी बारिश हुई. नवसारी जिले की चिचली तहसील में तेज बारिश से काफी नुकसान हुआ. बारिश के साथ तेज हवाएं भी चलीं, जिससे लगभग 15 गांवों में भारी तबाही हुई और कई घरों की छतें उड़ गईं. 15 मिनट तक चली इस आंधी-तूफान से चिचली तहसील के बरोलिया मंदिर फालिया इलाके में व्यापक नुकसान हुआ. बिजली गिरने से तालावछोर में 120 घर क्षतिग्रस्त हो गए, खिड़कियां टूट गईं और गाड़ियां भी खराब हो गईं. गांव का स्कूल, दूध सहकारी संस्था और मंदिर को भी काफी नुकसान हुआ. किसानों के आम और अमरूद के बाग पूरी तरह बर्बाद हो गए. बिजली के खंभे उखड़ गए, जिससे इलाके में अंधेरा छा गया. इस आंधी-तूफान से स्कूलों, मॉल और सरकारी गोदामों की छतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.
पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक नरेश पटेल गांव पहुंचे और लोगों को आश्वासन दिया कि जल्द ही सर्वे किया जाएगा ताकि उन्हें मुआवजा मिल सके. गांव की 80 साल की एक महिला ने कहा, "मैंने अपने पूरे जीवन में ऐसा तूफ़ान कभी नहीं देखा. सभी लोग डरे हुए हैं; मैं भी बहुत घबराई हुई थी." (रोनक जैन का इनपुट)
ये भी पढ़ें:
महाराष्ट्र: बाढ़ से अभूतपूर्व संकट में किसान, जयंत पाटिल ने विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की उठाई मांग
मराठवाड़ा बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए शिंदे का राहत कार्य तेज़, मुआवजे का भी किया वादा
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today