MSP Increase: 2015-16 की तुलना में 2025-26 तक MSP में कितनी हुई बढ़ोतरी? सरकार ने जारी किए 10 साल के आंकड़े

MSP Increase: 2015-16 की तुलना में 2025-26 तक MSP में कितनी हुई बढ़ोतरी? सरकार ने जारी किए 10 साल के आंकड़े

सरकार ने वर्ष 2018-19 से अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ के साथ सभी अधिदेशित खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि की है. वर्ष 2015-16 की तुलना में वर्ष 2025-26 में बढ़ी हुई एमएसपी का विवरण अनुबंध में दिया गया है. बढ़ी हुई एमएसपी से देश के किसानों को लाभ हुआ है, जो खरीद के आंकड़ों और किसानों को दी गई एमएसपी राशि से स्पष्ट है.

Minimum Support Price MSPMinimum Support Price MSP
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Dec 13, 2025,
  • Updated Dec 13, 2025, 5:20 PM IST

भारत सरकार हर साल राज्यों और संबंधित मंत्रालयों से मिले सुझावों तथा कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर देश की 22 अधिदेशित फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करती है. 2018-19 के केंद्रीय बजट में यह अहम फैसला लिया गया था कि MSP को उत्पादन लागत (Cost of Production) से कम से कम 50% अधिक रखा जाएगा. इसके बाद से खरीफ, रबी और वाणिज्यिक फसलों के MSP में लगातार बढ़ोतरी की गई है.

सरकार का कहना है कि MSP बढ़ाने का सीधा लाभ किसानों को मिला है. फसल वर्ष 2024-25 में:

  • कुल खरीद: 1,223 लाख मीट्रिक टन
  • कुल MSP भुगतान: ₹3.47 लाख करोड़

नीचे दी गई टेबल में 2015-16 की तुलना में 2025-26 तक MSP में हुई बढ़ोतरी और उसका प्रतिशत दिखाया गया है:-

फसलMSP 2015-16 (₹/क्विंटल)MSP 2025-26 (₹/क्विंटल)% बढ़ोतरी
खरीफ फसलें   
धान (सामान्य)1410236968%
धान (ग्रेड A)1450238965%
ज्वार (हाइब्रिड)15703699136%
ज्वार (मालदंडी)15903749136%
बाजरा12752775118%
रागी16504886196%
मक्का1325240081%
अरहर4625800073%
मूंग4850876881%
उड़द4625780069%
कपास (मध्यम रेशा)38007710103%
कपास (लंबा रेशा)4100811098%
मूंगफली4030726380%
सूरजमुखी बीज38007721103%
सोयाबीन (पीला)26005328105%
रामतिल47009846110%
नाइजर बीज36509537161%
रबी फसलें   
गेहूं1525258569%
जौ1225215076%
चना3500587568%
मसूर34007000106%
रेपसीड-सरसों3350620085%
कुसुम3300654098%

कानूनी गारंटी वाले MSP का कार्यान्वयन

सरकार हर साल, राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के अभिमतों पर विचार करने के पश्चात कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 22 अधिदेशित कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित करती है. वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट में एमएसपी को उत्पादन लागत के कम से कम डेढ़ गुना के स्तर पर रखने के पूर्व-निर्धारित सिद्धांत की घोषणा की गई थी. तदनुसार, सरकार ने वर्ष 2018-19 से सभी अधिदेशित खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए एमएसपी में अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत लाभ के साथ वृद्धि की है.

एमएसपी नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, एमएसपी की घोषणा के पश्चात, सरकार किसानों को मूल्य समर्थन प्रदान करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और अन्य नामित राज्य एजेंसियों के माध्यम से अनाज और मोटे अनाज की खरीद करती है. जब दलहन, तिलहन और कोपरा का बाजार मूल्य एमएसपी से कम हो जाता है, तब संबंधित राज्य सरकारों के परामर्श से इन उत्पादों की खरीद, प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) की समग्र योजना के अंतर्गत मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत की जाती है. पीएम-आशा योजना के तहत खरीद एजेंसियां ​​भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) हैं. सरकार द्वारा कपास और पटसन की खरीद भी क्रमशः भारतीय कपास निगम (सीसीआई) और भारतीय पटसन निगम (जेसीआई) के माध्यम से एमएसपी पर की जाती है.

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