
चाय के शौकीनों का देश भारत अब इसके निर्यात में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस साल जनवरी-अक्टूबर के दौरान भारत का चाय एक्सपोर्ट 6.47 परसेंट बढ़कर 228.52 मिलियन किलोग्राम हो गया. बताया जा रहा है कि यूएई और इराक जैसे मुख्य खरीदारों से अच्छी डिमांड की वजह से निर्यात में इजाफा हुआ है. देश के दक्षिणी हिस्सों से शिपमेंट में कमी के बावजूद चाय एक्सपोर्ट में यह बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल इसी अवधि में एक्सपोर्ट 214.64 मिलियन किलोग्राम था.
टी बोर्ड द्वारा जारी शुरुआती अनुमानों के अनुसार, वैल्यू के हिसाब से, जनवरी-अक्टूबर की अवधि में चाय शिपमेंट 6882.91 करोड़ रुपये रहा है. यह पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 18 परसेंट ज्यादा है. पिछले साल निर्यात इसी अवधि के दौरान 5831.1 करोड़ रुपये था. यूनिट कीमत में 10.87 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह पिछले साल के 271.67 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 301.20 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया.
जनवरी-अक्टूबर के दौरान उत्तर भारत से वॉल्यूम शिपमेंट 19.55 प्रतिशत बढ़कर 153.22 मिलियन किलोग्राम हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 128.16 मिलियन किलोग्राम था. वैल्यू के मामले में, उत्तर भारतीय शिपमेंट पिछले साल के 3907.81 करोड़ रुपये से करीब 27 फीसदी बढ़कर 4959.49 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, इस साल जनवरी-अक्टूबर के दौरान दक्षिण भारतीय शिपमेंट पिछले साल के 86.48 मिलियन किलोग्राम की तुलना में करीब 13 प्रतिशत घटकर 75.30 मिलियन किलोग्राम रह गया. वॉल्यूम में गिरावट के बावजूद, शिपमेंट वैल्यू 1923.42 करोड़ रुपये पर स्थिर रही.
साल 2024 के दौरान, भारत का चाय शिपमेंट 256.17 मिलियन किलोग्राम तक पहुंच गया. यह पिछले साल के 231.69 मिलियन किलोग्राम से 11 प्रतिशत ज्यादा है. वैल्यू के मामले में, 2024 के दौरान चाय शिपमेंट पिछले साल के 6160.86 करोड़ रुपये से 16.34 प्रतिशत बढ़कर 7167.41 करोड़ रुपये हो गया. इस साल भारत में चाय के प्रोडक्शन पर उत्तर और दक्षिण भारत के मुख्य चाय उगाने वाले इलाकों में खराब मौसम का असर पड़ा है. अक्टूबर 2025 में, भारत में चाय का प्रोडक्शन पिछले साल के इसी महीने के 205.77 मिलियन किलोग्राम की तुलना में 21 परसेंट कम होकर 161.93 मिलियन किलोग्राम रहा.
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