न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर गेहूं खरीदने के नियमों में ढील मिलने के बाद हरियाणा में खरीद तेजी से चल रही है. यहां अब तक 81381 किसानों ने MSP पर अपनी फसल बेची है.किसानों को उनकी फसल का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा रहा है. इन किसानों को 932.64 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. वहीं शनिवार को 24624 किसानों के खातों में 317.22 करोड़ रुपये भुगतान के लिए पेमेंट फाइल जनरेट की गई, यह भुगतान 17 अप्रैल को होगा. राज्य सरकार का दावा है कि फसल बिक्री के बाद 48 से 72 घंटों में किसानों को भुगतान किया जा रहा है.
राज्य सरकार ने कहा है कि किसानों के गेहूं का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदा जाएगा. राज्य सरकार ने रबी की फसल की सुगम खरीद के लिए सही व्यवस्था की है. रबी की फसलों को एमएसपी पर खरीदा जा रहा है और निर्धारित समय में किसानों के खातों में भुगतान भी किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के किसानों के खाते में डायरेक्ट जल्द से जल्द गेहूं की बिक्री का पैसा भेजना शुरू कर दिया गया है. बता दें कि पहले यहां आढ़तियों के माध्यम से पैसा भेजा जाता था. गेहूं बिक्री के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है. रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 में गेहूं 2125 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी पर खरीदा जा रहा है.
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सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा देश का ऐसा प्रदेश है जहां 48 से 72 घंटों में किसान की फसल खरीद का भुगतान किया जा रहा है. इसके साथ ही मंडियों से फसल का समय पर उठान सुनिश्चित किया गया है तथा किसानों के लिए मंडी में सभी आवश्यक प्रबंध भी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा गेहूं की फसल में लस्टर लॉस या दाना टूटने के नुकसान के मद्देनजर खरीद सीजन 2023-24 के दौरान गेहूं की खरीद के मानदंडों में छूट दी गई है.
प्रदेश में सरसों की खरीद 20 मार्च से शुरू हो चुकी है जबकि गेहूं, जौ और चना की खरीद 1 अप्रैल, 2023 से की जा रही है. हालांकि, खरीद मानदंडों में छूट देरी से मिलने की वजह से कई मंडियों में 10 अप्रैल तक खरीद नहीं हो रही थी. आदेश आने के बाद यह काम शुरू हुआ है. विभिन्न मंडियों में खाद्य आपूर्ति, हैफेड, हरियाणा वेयरहाउस कारपोरेशन और एफसीआई द्वारा यह खरीद की जा रही है. राज्य सरकार ने गेहूं के लिए 408 मंडियां, सरसों के लिए 103 मंडियां, जौ के लिए 25 मंडियां और चना के लिए 11 मंडियां तय की गई हैं.
पिछले साल यानी रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 के दौरान पूरे खरीद सीजन में हरियाणा के 3,13,847 किसानों ने एमएसपी पर गेहूं बेचा था. पिछले साल हरियाणा में एमएसपी पर गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या बहुत कम थी, क्योंकि दाम ज्यादा होने की वजह से उन्होंने व्यापारियों को अपना अनाज बेचना पसंद किया. इससे पहले साल 2021-22 में 7,60,636 किसानों एमएसपी पर फसल बेची. देखना यह है कि इस बार पूरे सीजन में कितने किसान सरकार को फसल बेचने आते हैं.
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