केंद्र सरकार ने प्याज पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी है ताकि घरेलू बाजार में इसके बढ़ते दाम को काबू किया जा सके. लेकिन सरकार के इस फैसले से किसान खासे नाराज हैं. खासतौर पर महाराष्ट्र के प्याज उत्पादकों में काफी गुस्सा है. क्योंकि यह देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है. किसानों का कहना है कि इतनी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने के बाद आयातकों को दूसरे देशों के मुकाबले हमारा प्याज महंगा पड़ने लगेगा. ऐसे में हमारे यहां के प्याज का एक्सपोर्ट नहीं हो पाएगा. जिससे घरेलू बाजार में दाम गिर जाएंगे. जबकि, बहुत मुश्किल से तो दो साल बाद दाम बढ़ने शुरू हुए थे. आईए अब समझते हैं कि हमारे यहां प्याज का उत्पादन कितना होता है और उसमें से हम एक्सपोर्ट कितना कर देते हैं कि केंद्र सरकार के नए फैसले से किसान परेशान हैं.
दरअसल, पिछले दो साल से किसानों को उत्पादन लागत से भी कम दाम पर प्याज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था. ज्यादा उत्पादन को इसकी वजह बताया गया. ऐसे में किसान एक्सपोर्ट और बढ़ाने की मांग कर रहे थे. लेकिन, सरकार ने कुछ और ही फैसला लिया. जिससे किसान नाराज हैं. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधीन आने वाले राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार साल 2022-23 में 3 करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन हुआ है. जबकि 2018-19 में सिर्फ 2 करोड़, 28 लाख मीट्रिक टन प्याज पैदा हुआ था. जाहिर है कि हमने कुछ ही साल में उत्पादन का रिकॉर्ड बना दिया. अब तक सरकार रिकॉर्ड उत्पादन को ही किसानों को मिल रहे कम दाम की वजह बता रही थी, तो सवाल यह है कि अब प्याज पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी क्यों लगा दी गई? क्या इतना बड़ा फैसला लेने से पहले सरकार ने किसी किसान संगठन से बातचीत की?
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हमने एक साल में 3.10 करोड़ मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन किया, जिसमें से 25,23,495 मीट्रिक टन को एक्सपोर्ट कर दिया. जिससे हमें 4,519 करोड़ रुपये मिले. साल 2021-22 में 15,36,905 टन प्याज ही निर्यात हुआ था. यानी एक साल में ही एक्सपोर्ट लगभग 10 लाख टन बढ़ गया है. दुनिया भर में भारतीय प्याज की काफी मांग है. महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि अब एक्सपोर्ट पर 40 फीसदी ड्यूटी लगा दी गई है ऐसे में एक्सपोर्ट न के बराबर रह जाएगा, जिससे सीधे तौर पर किसानों को नुकसान पहुंचेगा.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक देश है. विश्व के कुल प्याज उत्पादन में हमारी हिस्सेदारी 24.95 फीसदी है. बांग्लादेश, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, नेपाल, इंडोनेशिया, कतर, वियतनाम, ओमान, कुवैत, सिंगापुर, सऊदी अरब और बहरीन आदि भारतीय प्याज के बड़े आयातक हैं. बाजार के जानकारों का कहना है कि अब सरकार ने जो भारी भरकम एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई है उसकी वजह से ये आयातक दूसरे देशों से प्याज मंगाने पर विचार कर सकते हैं. दूसरी ओर, सरकार ने एनसीसीएफ को रियायती रेट पर मार्केट में प्याज बेचने के लिए मैदान में उतार दिया है. इससे भी सीधे तौर पर किसानों को नुकसान होना है.
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