देश में दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने केरल में दस्तक दे दी है. इस तरह से मॉनसून का इंतजार अब खत्म हो गया है. हालांकि, इस बार मॉनसून 2023 एक सप्ताह की देरी से पहुंचा है. वहीं मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में 15 जून तक मॉनसून के पहुंचने का अनुमान है. इसी बीच किसानों ने खरीफ फसलों की बुवाई तेजी कर दी है. दरअसल, कृषि विभाग द्वारा जारी खरीफ फसलों के तहत क्षेत्र कवरेज की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक किसानों ने 9 जून 2023 तक कुल 78.34 लाख हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसलों की बुवाई की है. जबकि, पिछले साल इसी अवधि के दौरान किसानों ने 77.58 लाख हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसलों की बुवाई की थी. यानी इस साल 0.77 लाख हेक्टेयर रकबे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जिसमें कपास, गन्ना और मोटे अनाजों के रकबे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जबकि, धान, दाल और जूट के रकबे में गिरावट दर्ज की गई है.
ऐसे में आइए कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जानते हैं इस साल खरीफ के किन फसलों का कितना रकबा बढ़ा है, और कितनी गिरावट दर्ज की गई है-
पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 4.91 लाख हेक्टेयर की तुलना में 3.52 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुआई दर्ज की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो नागालैंड (0.85 लाख हेक्टेयर), जम्मू-कश्मीर (0.67 लाख हेक्टेयर), असम (0.53 लाख हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल (0.32 लाख हेक्टेयर), उत्तराखंड (0.22 लाख हेक्टेयर), केरल (0.21 लाख हेक्टेयर), मिजोरम (0.17 लाख हेक्टेयर), त्रिपुरा (0.16 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (0.16 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.15 लाख हेक्टेयर), पंजाब (0.06 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.01 लाख हेक्टेयर) और हरियाणा (0.01 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.
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पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 2.99 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 5.41 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाज की बुआई दर्ज की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो राजस्थान (1.72 लाख हेक्टेयर), जम्मू-कश्मीर (1.01 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (0.67 लाख हेक्टेयर), उत्तराखंड (0.63 लाख हेक्टेयर), हरियाणा (0.58 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.53 लाख हेक्टेयर) और पंजाब (0.26 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.
पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 1.75 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 1.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहनी फसलों की बुआई दर्ज की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो कर्नाटक (0.75 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.16 लाख हेक्टेयर), उत्तराखंड (0.08 लाख हेक्टेयर), जम्मू-कश्मीर (0.05 लाख हेक्टेयर), असम (0.02 लाख हेक्टेयर) और त्रिपुरा (0.02 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.
पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 1.17 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 0.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन फसलों की बुआई दर्ज की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो कर्नाटक (0.31 लाख हेक्टेयर), नागालैंड (0.20 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.18 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.06 लाख हेक्टेयर) और उत्तराखंड (0.04 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.
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पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 47.13 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 47.49 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की बुआई दर्ज की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो उत्तर प्रदेश (21.43 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (10.53 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (4.38 लाख हेक्टेयर), बिहार (2.24 लाख हेक्टेयर), गुजरात (1.92 लाख हेक्टेयर), तमिलनाडु (1.59 लाख हेक्टेयर), मध्य प्रदेश (1.15 लाख हेक्टेयर), उत्तराखंड (0.90 लाख हेक्टेयर), हरियाणा (0.82 लाख हेक्टेयर) लाख हेक्टेयर), पंजाब (0.81 लाख हेक्टेयर), आंध्र प्रदेश (0.37 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.31 लाख हेक्टेयर), तेलंगाना (0.23 लाख हेक्टेयर), असम (0.21 लाख हेक्टेयर), ओडिशा (0.20 लाख हेक्टेयर) और पश्चिम बंगाल ( 0.15 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.
पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 6.53 लाख हेक्टेयर की तुलना में जूट और मेस्टा के अंतर्गत लगभग 5.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो पश्चिम बंगाल (4.29 लाख हेक्टेयर), बिहार (0.69 लाख हेक्टेयर), असम (0.59 लाख हेक्टेयर), मेघालय (0.07 लाख हेक्टेयर), ओडिशा (0.04 लाख हेक्टेयर) और नागालैंड (0.03 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.
पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 13.10 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 14.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो हरियाणा (6.00 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (5.19 लाख हेक्टेयर), पंजाब (1.75 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.61 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (0.54 लाख हेक्टेयर) और तमिलनाडु (0.06 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.