क्या ओडिशा में बीजू जनता दल धान खरीद से कर रही है 1000 करोड़ की कमाई, आखिर BJP ने क्यों लगाया आरोप?

क्या ओडिशा में बीजू जनता दल धान खरीद से कर रही है 1000 करोड़ की कमाई, आखिर BJP ने क्यों लगाया आरोप?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता मनोज महापात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) धान की खरीद करेगा. लेकिन यहां ओडिशा में एफसीआई के बजाय मिलर्स क्यों खरीद रहे हैं? राज्य में किसानों की माली हालत में शायद ही सुधार हो रहा है.

ओडिशा में कब शुरू होगी धान की खरीद. (सांकेतिक फोटो)ओडिशा में कब शुरू होगी धान की खरीद. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 26, 2023,
  • Updated Dec 26, 2023, 7:08 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता मनोज महापात्रा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) धान खरीद से प्रति वर्ष 1000 करोड़ रुपये की कमाई कर रही है. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए महापात्रा ने आरोप लगाया कि धान खरीद के दौरान बीजद के नेतृत्व में एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है. विभागीय मंत्री के इसारे पर मिल मालिकों द्वारा किसानों का शोषण किया जा रहा है. मिल वाले कटनी-छटनी के नाम पर पांच से छह किलोग्राम की कटौती कर रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महापात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) धान की खरीद करेगा. लेकिन यहां ओडिशा में एफसीआई के बजाय मिलर्स क्यों खरीद रहे हैं? राज्य में किसानों की माली हालत में शायद ही सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा कि बीजद शासन के 24 वर्षों में किसानों की प्रति व्यक्ति आय केवल 27 रुपये ही बढ़ी है. पड़ोसी राज्यों के किसानों के साथ तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रति क्विंटल 3000 रुपये से अधिक है. लेकिन ओडिशा में धान का एमएसपी 2139 रुपये प्रति क्विंटल है. उन्होंने कहा कि बीजद को अपने स्थापना दिवस पर स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने किसानों के लिए क्या किया है.

1500 रुपए प्रति क्विंटल धान बेचने को मजबूर हैं

बता दें कि पिछले हफ्ते ही खबर सामने आई थी कि ओडिशा में धान की कटाई लगभग पूरी हो गई है. लेकिन अभी तक राज्य में एसएसपी पर धान की खरीद शुरू नहीं हो पाई है, क्योंकि अभी तक धान क्रय केंद्र नहीं खुले हैं. इससे किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. ऐसे में किसान व्यापारियों के हाथों औने-पौने दाम पर धान बेच रहे हैं. इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. अभी तक स्थानीय दलालों के माध्य़म से कम कीमत पर हजारों क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है. ऐसे ओडिशा में धान की एमएसपी 2183 रुपए प्रति क्विलंट तय की गई है, जबकि किसान 1500 रुपए प्रति क्विंटल धान बेचने को मजबूर हैं.

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कम कीमत पर बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है 

हालांकि, एडीए सहकारी समिति के सचिव राजेंद्र मोहंती ने आश्वासन दिया था कि जिले में 26 या 27 दिसंबर को मंडियां चालू हो जाएंगी.उन्होंने कहा कि था कि हमारे हाथ में कुछ भी नहीं है. सरकार द्वारा भूमि सर्वेक्षण के बाद, बालासोर जिले में 25 दिसंबर को मंडियां खोलने का निर्णय लिया गया है. हालांकि, छुट्टी होने के कारण मंडियां 26 या 27 दिसंबर को खुल सकती हैं. वहीं, किसानों का कहना है कि अगर वे मंडी खुलने का इंतजार करेंगे तो उन्हें और नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. अभी पैसों की सख्त जरूरत है, क्योंकि साहुकारों और सोसायटियों का कर्ज भी चुकाना है. इसलिए कम कीमत पर बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

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