वर्तमान समय में किसान अपने खेतों में धान की रोपाई की तैयारी में जुट गए हैं. वे खेतों को तैयार कर रहे हैं और अपनी सुविधा के अनुसार धान की किस्मों का चयन भी कर रहे हैं. बाजार में हाइब्रिड और रिसर्च बीजों की भरमार है, लेकिन सवाल यह है कि कौन से बीज चुने जाएं ताकि कम लागत में अधिक उत्पादन मिल सके? अनुभवी किसान जो लंबे समय से धान की खेती करते आ रहे हैं वो इस सवाल का जवाब जानते हैं. उनका कहना है कि वे पूरी तरह से जैविक और परंपरागत खेती करते हैं और देसी बीजों के उपयोग से कम लागत में अच्छी आमदनी हासिल कर रहे हैं.
किसान राजकुमार का कहना है कि आजकल किसान बाजार के हाइब्रिड बीजों की तरफ भाग रहे हैं, जिनमें भारी खर्च होता है. वहीं देसी बीज यहां की मिट्टी और मौसम के अनुकूल होते हैं. इनसे तैयार रोपा लगाने पर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. साथ ही ये बीज कम बीमार पड़ते हैं और उत्पादन भी बढ़िया देते हैं.
बीज की गुणवत्ता जांचने के लिए एक आसान घरेलू तरीका अपनाएं:
बुवाई से पहले बीजों को बीज अमृत से उपचारित करें. इससे बीजों में रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ेगी और उत्पादन भी बेहतर होगा.
देसी और परंपरागत बीजों से खेती करने पर किसान न सिर्फ पैदावार बढ़ा सकते हैं, बल्कि खेती को लाभ का धंधा भी बना सकते हैं. बाजार से बीज खरीदने के मुकाबले यह तरीका अधिक किफायती और टिकाऊ है.
ये भी पढ़ें:
दिल्ली अभी नहीं पहुंचा मॉनसून, बारिश के बाद भी सस्पेंस बरकरार
फलों और सब्जियों के लिए जरूरी खास उर्वरकों पर चीन का बैन, भारत के किसानों के खिलाफ नई साजिश!