Litchi Export: फ्रॉम पंजाब टू दोहा, पहली बार गुलाब की खुशबू का स्‍वाद चखेंगे खाड़ी के लोग 

Litchi Export: फ्रॉम पंजाब टू दोहा, पहली बार गुलाब की खुशबू का स्‍वाद चखेंगे खाड़ी के लोग 

Litchi Export: पठानकोट से 600 किलोग्राम लीची दुबई, यूएई भी भेजी गई है. इस परिवर्तन की असली वजह हैं पठानकोट सुजानपुर के प्रगतिशील किसान प्रभात सिंह हैं जिन्‍होंने हाई क्‍वालिटी वाली वाली उपज को सप्‍लाई किया. एपीडा की तरफ से बताया गया है कि उन्होंने सिंह से करीब 175 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लीची खरीदी है. दोहा और दुबई में निर्यात मूल्य 375 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्‍यादा है.

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क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jun 28, 2025,
  • Updated Jun 28, 2025, 2:58 PM IST

भारत के हॉर्टीकल्‍चर एक्‍सपोर्ट मार्केट के सिर एक नया ताज सजा है. पंजाब के पठानकोट की गुलाब की खुशबू वाली लीची की नई फसल इतिहास रच रही है. लीची के अनोखे स्टॉक की पहली खेप इस हफ्ते सुजानपुर से कतर के दोहा के लिए रवाना की गई है. माना जा रहा है कि इससे निर्यात को कई गुना बढ़ाया जा सकेगा. पठानकोट के मौसम और पानी के अनुकूल कारकों के साथ नेशनल हॉर्टीकल्‍चर एक्‍सपोर्ट को बढ़ाने के मकसद से वाणिज्य मंत्रालय और पंजाब सरकार के बीच एक नए सहयोग के तहत गुलाब की खुशबू वाली एक मीट्रिक टन लीची को दोहा भेजा गया है. 

दुबई पहुंची 600 किलो लीची  

अखबार द ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के अनुसार पठानकोट से 600 किलोग्राम लीची दुबई, यूएई भी भेजी गई है. इस परिवर्तन की असली वजह हैं पठानकोट सुजानपुर के प्रगतिशील किसान प्रभात सिंह हैं जिन्‍होंने हाई क्‍वालिटी वाली वाली उपज को सप्‍लाई किया. हॉर्टीकल्‍चर बिजनेस को संभालने वाली संस्था कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की तरफ से बताया गया है कि उन्होंने सिंह से करीब 175 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लीची खरीदी है. दोहा और दुबई में निर्यात मूल्य 375 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्‍यादा है. इसी फसल की कीमत दो किलोग्राम के लिए 18 पाउंड तक है. यह पहला मौका है जब पंजाब से गुलाब की खुशबू वाली लीची कतर, यूएई के बाजारों में पहुंची है. 

पिछले साल से जारी थी कोशिश 

एपीडा के अनुसार पिछले साल प्रभात सिंह से 90 रुपये प्रति किलो में गुलाब की खुशबू वाली लीची खरीदी थी. सिर्फ एक साल में लागत 175 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है और फसल पूरे देश में स्वाद और सुगंध में सर्वश्रेष्‍ठ साबित हुई है. एपीडा के अनुसार पंजाब की बागवानी पर ध्यान केंद्रित करना संगठन के मुखिया अभिषेक देव के मिशन का हिस्सा है. निर्यात की गई खेप के लिए, इसमें प्रीमियम पठानकोट लीची का एक रीफर पैलेट शामिल है और यह क्षेत्र के उत्पादकों के लिए एक बड़ा कदम है. एपीडा की मानें तो प्रभात सिंह जैसे किसानों की सफलता पठानकोट की क्षमता को भी दर्शाती है, जहां अनुकूल कृषि-जलवायु परिस्थितियां हैं और यह गुणवत्तापूर्ण लीची की खेती और निर्यात के लिए एक उभरता हुआ केंद्र है.  

क्‍या बोले केंद्रीय मंत्री 

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी पंजाब के बागवानी क्षेत्र की तरफ से इस मील के पत्‍थर को हासिल करने पर टिप्‍पणी की. उन्‍होंने कहा, 'पठानकोट के सुजानपुर से पंजाब की लीची पहली बार कतर के बाजारों में पहुंचने के साथ भारत का वाणिज्य बढ़ रहा है. आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पंजाब का लीची उत्पादन 71,490 मीट्रिक टन था, जो भारत के कुल लीची उत्पादन में 12.39 प्रतिशत का योगदान देता है. इसी दौरान भारत ने 639.53 मीट्रिक टन लीची का निर्यात किया. खेती का रकबा 4,327 हेक्टेयर था, जिसकी औसत उपज 16,523 किलोग्राम/हेक्टेयर थी. 

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