अब मक्के को लेकर आमने-सामने भारत-पाकिस्तान, जानें कौन है परेशान

अब मक्के को लेकर आमने-सामने भारत-पाकिस्तान, जानें कौन है परेशान

एग्रीकल्चर कमोडिटीज एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (ACEA) के अध्यक्ष एम मदन प्रकाश जिनकी कंपनी, राजथी ग्रुप, मक्का, चावल और प्याज जैसे कृषि उत्पादों का निर्यात करती है उन्होंने कहा कि अभी भारतीय मक्का की मांग कम है क्योंकि पाकिस्तान इसे कम कीमत पर बेच रहा है.

वैश्विक मक्का बाजार में भारत का प्रतिद्वंदी बनकर उभरा पाकिस्तान, फोटो साभार: pinterestवैश्विक मक्का बाजार में भारत का प्रतिद्वंदी बनकर उभरा पाकिस्तान, फोटो साभार: pinterest
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 07, 2023,
  • Updated Apr 07, 2023, 5:42 PM IST

क्र‍िकेट के मैदान में भारत और पाक‍िस्तान यानी भारत VS पाक‍िस्तान के बीच होने वाली जंग बेहद ही रोमांचक होती है, लेक‍िन इस बार भारत बनाम पाक‍िस्तान की ये जंग ग्लोबल मार्केट में द‍िखाई दे रही है, ज‍िसके केंद्र में मक्का है. असल में ग्लोबल बाजार में मक्के की कीमत को लेकर भारत और पाक‍िस्तान आमने-सामने हैं. असल में एशिया में कम कीमत पर मोटे अनाज की पेशकश करने वाले वैश्विक मक्का (मकई) बाजार में पड़ोसी देश पाकिस्तान भारत के खिलाफ एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर रहा है. हालांकि, एक्सपोर्टर इन हालातों को थोड़े समय के ल‍िए मान रहे हैं. क्योंकि पाक‍िस्तान के पास केवल सीमित स्टॉक है और वह कई चुनौतियों का सामना भी कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा मक्के की कीमतों में कमी के परिणामस्वरूप, दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ खरीदार, मुख्य तौर पर वियतनाम सौदेबाजी करके भारतीय आपूर्तिकर्ताओं को पछाड़ने का प्रयास कर रहे हैं.

भारतीय मक्के की मांग कम

एग्रीकल्चर कमोडिटीज एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (ACEA) के अध्यक्ष एम मदन प्रकाश जिनकी कंपनी, राजथी ग्रुप, मक्का, चावल और प्याज जैसे कृषि उत्पादों का निर्यात करती है, उन्होंने इस मामले को लेकर कहा कि अभी भारतीय मक्का की मांग कम है क्योंकि पाकिस्तान इसे कम कीमत पर बेच रहा है. साथ ही हमारी दो तिहाई खेप वियतनाम मे रोकी जा रही है और खरीदार कम कीमत के लिए सौदेबाजी कर रहे हैं.

स्थिति में सुधार होने की है उम्मीद 

मुंबई के मुलावा एग्रो कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मुकेश सिंह ने कहा कि स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि भारतीय निर्यातकों द्वारा दक्षिण-पूर्व एशिया और खाड़ी देशों में नए अनुबंधन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. साथ ही नई दिल्ली के निर्यातक राजेश पहाड़िया जैन ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान को अपनी मुद्रा के गिरावट से लाभ होता है,

थोड़ी कम हुई हैं कीमतें

मदन प्रकाश के मुताबिक, भारतीय मक्के की 307-315 डॉलर प्रति टन की पेशकश की जा रही है, जबकि पाकिस्तान मक्के को 293-295 डॉलर की लागत और भाड़े पर बेच रहा है. जैन के मुताबिक, पाकिस्तान 280 डॉलर फ्री-ऑन-बोर्ड (एफओबी) के लिए अपनी उपज की पेशकश कर रहा है. वहीं भारत 295 डॉलर एफओबी का अनुरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास आपूर्ति संबंधी कोई समस्या नहीं है. हालांकि कीमतें थोड़ी कम हुई है. हमें अभी चेन्नई में 24000 रुपये प्रति टन की दर से मक्का मिल रहा है.

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महाराष्ट्र में कीमतें MSP से नीचे 

कृषि मंत्रालय की सहायता कंपनी एजीनेट के आंकड़ों के अनुसार कर्नाटक के दावणगेरे में मक्के की औसत कीमत 2017 रुपये प्रति क्विंटल हैं, जो पिछले महीने की तुलने में 150 रुपये कम है. दरअसल मक्का के लिए इस फसल वर्ष का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP 1962 रुपये क्व‍िंटल है. वहीं महाराष्ट्र के कुछ बाजारों में कीमतें MSP से नीचे गिर गई हैं.

931 मि‍लियन डॉलर का मक्के का हुए एक्सपोर्ट 

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जनवरी के अवधि के दौरान 931 मिलियन डॉलर का मक्का निर्यात 2.86 मिलियन टन था., जिसमें बांग्लादेश को 1.5 मिलियन टन और वियतनाम का 0.57 मिलियन टन एक्सपोर्ट क‍िया गया था. वहीं 2021-22 का कुल निर्यात 3.69 मिलियन टन था.

 

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