भारत में चीनी लहसुन पिछले कई सालों से बैन है, बावजूद इसके हर साल भारी मात्रा में चाइनीज लहसुन देश में अवैध तरीके से पहुंच रही है. सरकार ने पूर्व में चाइनीज लहसुन की खेपाें में हानिकारक फफूंद पाए जाने के बाद इसके आयात पर बैन लगाया था. लेकिन बावजूद बड़ी मात्रा में यह उपज भारतीय बाजाराें में पहुंच रही है. मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने सदन को बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान देश में 507 टन चाइनीज लहसुन जब्त की गई.
‘बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीन से आने वाली लहसुन में एम्बेलिसिया एली और यूरोसाइटिस सेपुले जैसी कुछ हानिकारक फफूंद बार-बार पाई गई थीं, जिसके बाद 6 सितंबर, 2005 से इस के आयात पर बैन लगा दिया गया था. उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने बताया है कि सीमा शुल्क क्षेत्र संरचनाओं और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 2023-24 के दौरान 546 टन चाइनीज लहसुन जब्त की.
मंत्री ने कहा कि सरकार ने मामले को लेकर संबंधित एजेंसियों को देश में चाइनीज लहसुन के अवैध आयात को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने और एक्शन लेने को कहा है. केंद्रीय मंत्री ने सदन में बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को चेन्नई के बाजारों में चाइनीज लहसुन की बिक्री को लेकर शिकायत मिली है. इसलिए तमिलनाडु खाद्य सुरक्षा विभाग को निगरानी करने के लिए कहा गया है. मंत्री ने कहा कि कृषि और किसान कल्याण विभाग के तहत सभी प्लांट क्वारंटीन स्टेशनों को देश में चाइनीज लहसुन के अवैध आयात को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने और उपाय करने के लिए कहा गया है.
इससे पहले दिसंबर 2024 में पीटीआई की एक खबर के मुताबिक, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने चाइनीज लहसुन से एमएपी के किसानों की आय प्रभावित होने का मुद्दा उठाया था. तब पटवारी ने कहा था कि सालों पहले स्वास्थ्य कारणों से भारत में चाइनीज लहसुन को बैन किया गया था, लेकिन अफगानिस्तान के रास्ते यह भारतीय बाजार में पहुंच रहा है और सरकार इसे रोक नहीं पा रही है. चाइनीज लहसुन की आवक के कारण मध्य प्रदेश के किसान मुसीबत में हैं. इस दौरान पटवारी ने चाइनीज लहसुन की खेप भारत में आने के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ चोइथराम मंडी में विरोध प्रदर्शन भी किया था.