कई राज्यों में इस समय चालू सीजन 2024-25 के लिए धान की खरीदी चल रही है. इस बीच हरियाणा के करनाल मंडी में 90 हजार टन धान की गेट पास एंट्री के धांधली वाले मामले में जांच जारी है. करनाल जिला प्रशासन द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में "गड़बड़ी" का संकेत मिला है, जिसके चलते हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) के उच्च अधिकारियों को शामिल करके गहन जांच पर जोर दिया गया है. डिप्टी कमिश्नर (डीसी) उत्तम सिंह ने कहा कि जिला अधिकारी विस्तृत जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति के लिए एचएसएएमबी के मुख्य प्रशासक को पत्र लिखेंगे. साथ ही अनाज मंडियों के सीसीटीवी फुटेज की भी गहन जांच की जाएगी.
‘द ट्रिब्यून’ के मुताबिक, इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि सात अनाज मंडियों में लगभग 90,000 गेट पास की एंट्री हटा दी गई हैं. इसने थोड़े समय में कई गेट पास जारी करने का मुद्दा भी उठाया है. निसिंग अनाज मंडी में हुई, जहां 772 गेट पास यानी 42,633 क्विंटल धान का गेट पास काटा गया. अन्य काटे गए गेट पास में निग्धु में 226 गेट पास (12,565 क्विंटल), इंद्री में 211 पास (11,453 क्विंटल), तरौरी में 168 पास (9,435 क्विंटल), घरौंडा में 134 पास (7,422 क्विंटल), करनाल में 76 पास (4,560 क्विंटल) और असंध में 27 पास (1,568 क्विंटल) शामिल हैं.
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डीसी उत्तम सिंह ने अतिरिक्त डीसी यश जालुका को मामले की जांच करने को कहा है. जालुका ने सहायक आयुक्त अवर प्रशिक्षण (एसीयूटी) योगेश सैनी के साथ मिलकर जांच की तो पता चला कि कस्टम-मिलिंग चावल के लिए एक चावल मिल को आवंटित स्टॉक से लगभग 4,000 क्विंटल धान गायब है, जो 2024-25 सीजन के लिए धान खरीद और आवंटन प्रक्रिया में अनियमितताओं का संकेत देता है. जांच दल ने जांच पूरी होने तक सभी अनाज मंडियों की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के भी निर्देश दिए हैं.
वहीं, इस मामले को लेकर अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) यश जालुका ने बताया कि डीएफएससी को नीति के अनुसार, जरूरी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा कि धान खरीदी में किसी भी खामी को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया जा रहा है. एडीसी जालुका और सैनी सीजन की शुरुआत के बाद से ही धान खरीद पर नजर रखे हुए हैं.