दलहन, त‍िलहन के मोर्चे पर अच्छी खबर लेक‍िन कपास ने क‍िया न‍िराश, जान‍िए बाकी फसलों की बुवाई का हाल

दलहन, त‍िलहन के मोर्चे पर अच्छी खबर लेक‍िन कपास ने क‍िया न‍िराश, जान‍िए बाकी फसलों की बुवाई का हाल

Kharif Crops Sowing: अरहर की बुवाई 41.89 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो प‍िछले वर्ष के मुकाबले 8.63 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. इसी तरह सोयाबीन की बुवाई 123.77 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो प‍िछले वर्ष से 3.26 लाख हेक्टेयर अध‍िक है. हालांक‍ि, बाजरा और रागी का एर‍िया घट गया है.  

इस साल कैसी है खरीफ फसलों की बुवाई? इस साल कैसी है खरीफ फसलों की बुवाई?
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Aug 03, 2024,
  • Updated Aug 03, 2024, 7:11 AM IST

देश में खरीफ फसलों की बुवाई ने रफ्तार पकड़ ली है. अब तक कुल खरीफ फसल एरिया का 82.54 फीसदी कवर हो चुका है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार 2018-19 से 2022-23 के बीच देश में खरीफ फसलों की बुवाई का क्षेत्र 1095.84    लाख हेक्टेयर था. इस साल 2 अगस्त तक इसमें से 904.60 लाख हेक्टेयर एरिया कवर हो चुका है. पिछले साल इस अवधि तक 879.22    लाख हेक्टेयर में ही खरीफ फसलों की बुवाई हो पाई थी. यानी इस बार 2 अगस्त तक पिछले साल के मुकाबले 25.38 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है. धान, दलहन, तिलहन, मोटे अनाजों एवं गन्ना की बुवाई पिछले साल से अधिक तेजी पर है, हालांकि, जूट और कॉटन की बुवाई का क्षेत्र पिछले साल के मुकाबले कम है.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक देश में 2 अगस्त तक 276.91 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई और बुवाई हो चुकी है जो पिछले साल के मुकाबले 13.90 लाख हेक्टेयर अधिक है. पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 263.01 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई हुई थी. देश में धान का एरिया 401 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है.

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तिलहन-दलहन के मोर्चे पर राहत

दलहन, तिलहन के मोर्चे पर कुछ वर्षों से सरकार की परेशानी बढ़ी हुई है, क्योंकि घरेलू जरुरतों को पूरा करने के लिए खाद्य तेलों और दालों का आयात लगातार बढ़ रहा है. इन दोनों के आयात पर भारत को सालाना करीब 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. ऐसे में सरकार को दलहन और तिलहन की खेती बढ़ाने की जरूरत है. इस साल इन दोनों फसलों की बुवाई की रफ्तार पिछले साल से तेज है.

दलहन फसलों की बुवाई 

इस साल अब तक खरीफ सीजन की दलहन फसलों की बुवाई 110.61 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल से 10.90 लाख हेक्टेयर अधिक है. पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 99.71 लाख हेक्टेयर में ही दलहन फसलों की बुवाई हो सकी थी. अरहर की बुवाई 41.89 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो प‍िछले वर्ष के मुकाबले 8.63 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. मूंग की बुवाई 31.62 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो प‍िछले वर्ष से 3.48 लाख हेक्टेयर ज्यादा है.

तिलहन फसलों का हाल 

कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस साल अब तक खरीफ सीजन की तिलहन फसलों के अंतर्गत लगभग 179.69 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 174.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई थी. यानी इस साल त‍िलहन फसलों के रकबे में 5.16 लाख हेक्टेयर की वृद्ध‍ि द‍िखाई दे रही है. 

मूंगफली के एर‍िया में प‍िछले साल के मुकाबले 4.82 लाख हेक्टेयर का इजाफा द‍िख रहा है. इस साल अब तक 44.06 लाख हेक्टेयर में इसकी बुवाई हो चुकी है. इसी तरह सोयाबीन की बुवाई 123.77 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो प‍िछले वर्ष से 3.26 लाख हेक्टेयर अध‍िक है. 

मोटे अनाजों का एर‍िया बढ़ा 

श्री अन्न यानी मोटे अनाजों की बुवाई 2 अगस्त तक 165.59 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जो प‍िछले वर्ष की इसी अवध‍ि के मुकाबले 5.22 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. इस साल बाजरा की बुवाई 62.70 लाख हेक्टेयर में हुई है जो प‍िछले साल के मुकाबले 3.29 लाख हेक्टेयर कम है. रागी का एर‍िया भी घटा है, लेक‍िन मक्के की बुवाई प‍िछले वर्ष के मुकाबले इस बार 7.69 लाख हेक्टेयर ज्यादा हुई है. इस साल देश में 2 अगस्त तक 82.25 लाख हेक्टेयर में मक्का बोया जा चुका है. 

कॉटन की बुवाई में ग‍िरावट 

गन्ने की बुवाई इस बार 57.68 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो क‍ि प‍िछले साल के मुकाबले 0.57 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. लेक‍िन जूट की बुवाई में 0.60 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज की गई है. कॉटन की बुवाई 108.43 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो क‍ि प‍िछले साल से 9.76 लाख हेक्टेयर कम है. प‍िछले वर्ष 2 अगस्त तक 118.19 लाख हेक्टेयर में कॉटन बोया जा चुका था. देश में कॉटन का एर‍िया लगभग 130 लाख हेक्टेयर है.

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