हरियाणा सरकार ने दिवाली से पहले बाजरा उत्पादक किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है. सरकार ने इसकी सरकारी खरीद की तारीख आगे बढ़ा दी है. एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में बाजरा की खरीद 25 सितंबर 2023 से शुरू हो गई थी और यह खरीद 15 नवंबर, 2023 तक जारी रहेगी. जिस भी किसान की बाजरा फसल की खरीद नहीं हुई है, वह 15 नवंबर, 2023 तक अपनी फसल संबंधित मंडी में बेच सकते हैं. बाजार खरीद के लिए मंडियां पहले से ही तय की गई हैं. खरीफ सीजन 2023 के दौरान राज्य में बाजरा फसल की खरीद हैफेड एवं हरियाणा स्टेट वेयर हाउसिंग द्वारा की जा रही है.
हरियाणा बाजरा का प्रमुख उत्पादक प्रदेश है. यहां पर बड़े पैमाने पर किसान बाजरा की खेती करते हैं. राज्य के महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, रेवाड़ी, भिवानी, झज्जर, पलवल, गुरुग्राम, मेवात, रोहतक, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और जींदों जिलों में इसकी खेती होती है. बाजरा प्रमुख मिलेट है इसलिए राज्य सरकार इसकी खरीद में कोई कोताही नहीं बरत रही है. इसकी भरपूर सरकारी खरीद हो रही है ताकि आने वाले दिनों में किसान इसकी खेती बढ़ाएं.
प्रदेश की मंडियों में बाजरा की खरीद सुगमता से चल रही है. राज्य में 25 अक्टूबर तक 40.84 लाख क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका था. जिसमें से 36.34 लाख क्विंटल बाजरे की मंडियों से लिफ्टिंग भी जा चुकी थी. वर्ष 2022-23 में मंडियों में 19.94 लाख क्विंटल बाजरे की आवक हुई थी जबकि इस वर्ष यानी 2023-24 में 25 अक्टूबर तक 40.84 लाख क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका था. जोकि पिछले वर्ष से दोगुना है. अब तक खरीद और बढ़ चुकी है लेकिन इसका आधिकारिक तौर पर कोई आंकड़ा सामने नहीं आया है. इस बीच सरकार ने खरीद की तारीख बढ़ाकर 15 नवंबर कर दी है.
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वर्ष 2022-23 में बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2350 रुपए निर्धारित किया गया था. वहीं वर्ष 2023-24 के लिए सरकार ने बाजरा का एमएसपी 2500 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. इस फसल को प्रदेश सरकार ने भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया है ताकि किसानों को किसी तरह का नुकसान न हो. हैफेड एवं हरियाणा स्टेट वेयर हाउसिंग द्वारा 2200 रुपये प्रति क्विंटल पर बाजरा खरीद रहे हैं. बाकी की रकम किसानों को भावांतर भरवाई योजना के तहत मिलेगी.
इस साल हरियाणा के किसानों को बाजरा की खेती में काफी नुकसान हुआ है. राज्य में बाजरे की बुआई 11,89,214 एकड़ में हुई थी. जिसमें से 3,02,344 एकड़ क्षेत्र में अमेरिकन सुंडी का अटैक हो गया था. महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, रेवाड़ी, भिवानी, झज्जर और गुरुग्राम में इसकी वजह से काफी नुकसान हुआ था. राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों को मुआवजा देने का एलान किया था.