इस लिक्विड से 25 प्रतिशत तक बढ़ा सोयाबीन और लोबिया का उत्‍पादन, ICAR-IIVR वाराणसी ने किया है तैयार

इस लिक्विड से 25 प्रतिशत तक बढ़ा सोयाबीन और लोबिया का उत्‍पादन, ICAR-IIVR वाराणसी ने किया है तैयार

ICAR-IIVR वाराणसी सब्जियों में जरूरी पोषण और उनका उत्‍पादन बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है. इसी क्रम में संस्‍थान ने फलीदार फसलों के लिए एक फाॅर्मुलेशन लिक्विड तैयार किया है, जो उत्‍पादन और पोषण के लि‍हाज से काफाी कारगर साबित‍ हुआ है. साथ ही यह वर्मीवॉश के रूप में भी काम करता है.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 30, 2025,
  • Updated Jan 30, 2025, 1:50 PM IST

भारत में बड़े पैमाने पर किसान फलीदार सब्जियों और दलहन फसलों की खेती करते हैं. ले‍किन, कई बार अच्‍छी पैदावार और इनमें सूक्ष्‍म पोषक तत्‍व जैसे- आयरन, मैंगनीस आदि की कमी देखने को मिलती है. ऐसे में इन फलीदार सब्जियों की फसल से अच्‍छा उत्‍पादन लेने और इनमें जरूरी पोषक तत्‍व बढ़ाने के लिए आईसीएआर-आईआईवीआर, वाराणसी के वैज्ञानिकों ने एक लिक्विड फॉर्मुलेशन तैयार किया है, जो इन समस्‍याओं का समाधान करने में कारगर है. इसका नाम ‘काशी सूक्ष्म शक्ति प्लस’ है.

वर्मीवॉश का काम भी करता है लिक्‍विड फॉर्मुलेशन

‘काशी सूक्ष्म शक्ति प्लस’ लिक्‍विड फलीदार फसलों जैसे- लोबि‍या और सोयाबीन में जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व बढ़ाने के साथ, उत्‍पादन बढ़ाने और वर्मीवाश के रूप में कारगर है. ‘काशी सूक्ष्म शक्ति प्लस’ के परिणाम जांचने के लिए ICAR-IIVR के वैज्ञानिकों ने किसान के खेत में प्रयोग कर इसका मूल्यांकन किया, जिसमें इसके नतीजे आश्‍चर्यजनक पाए गए.

20-25 प्रतिशत बढ़ गई उत्‍पादकता

उत्‍तर प्रदेश के मिर्जापुर के कैलहट रहने वाले प्रगतिशील किसान नागेश कुमार सिंह के खेत में लोब‍िया और सोयाबीन की फसलों पर ‘काशी सूक्ष्म शक्ति प्लस’ लिक्‍विड का प्रयोग किया गया. साल 2024 में उन्‍होंने 3 बिस्‍वा जमीन पर लोब‍िया और 1 बिस्‍वा जमीन पर सोयाबीन की खेती में लिक्विड फाॅर्मुलेशन का इस्‍तेमाल किया, जिससे उनकी उत्‍पादकता 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ गई और उन्‍होंने 3-4 बार अतिरिक्‍त उपज की तुड़ाई की.

लोबिया से मिला 10 हजार का मुनाफा

नागेश कुमार सिंह ने बताया कि उन्‍हें लोबिया की फसल से 10,000 रुपये का रिटर्न मिला. वहीं, उन्‍होंने सोयाबीन की उपज का इस्तेमाल अपने परिवार के उपभोग के लिए ही किया. किसान नागेश कुमार सिंह ने फॉर्मूलेशन के इस्तेमाल के नतीजों को लेकर संतुष्टि‍ व्‍यक्‍त की. उन्होंने कहा कि वे फसल की पैदावार और गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव और तकनीकी नवाचारों तक पहुंचने के लिए ICAR-IIVR के साथ अपना सहयोग बरकरार रखेंगे. 

अन्‍य किसान भी ले सकते हैं फॉर्मुलेशन का लाभ

किसान नागेश कुमार सिंह की सफलता की कहानी यह बताती है कि अन्‍य किसान भी काशी सूक्ष्म शक्ति प्लस सूक्ष्म पोषक तत्व फॉर्मूलेशन का इस्‍तेमाल कर अपने खेत में पैदावार और उक्‍त कमियों को दूर कर सकते हैं. इससे कृषि चुनौतियों का समाधान होने के साथ ही उत्पादकता बढ़ेगी और पोषण गुणवत्ता में सुधार होगा. इससे किसानों को आर्थ‍िक रूप से भी काफी फायदा होगा.

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