किसानों को कपास के भाव में तेजी की उम्मीद, रोक कर रखा माल, जानें आज का भाव

किसानों को कपास के भाव में तेजी की उम्मीद, रोक कर रखा माल, जानें आज का भाव

क‍िसानों को आने वाले द‍िनों में इसल‍िए कॉटन के दाम में तेजी की उम्मीद है क्योंक‍ि उत्पादन में कमी का अनुमान है. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने अपने पहले फसल अनुमान में बताया था क‍ि 2023-24 में उत्पादन 295.10 लाख गांठ होगा, जो प‍िछले साल 318.90 लाख गांठ था. 

  किसानों कपास का उचित भाव नहीं मिल रहा हैं किसानों कपास का उचित भाव नहीं मिल रहा हैं
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 31, 2024,
  • Updated Jan 31, 2024, 2:05 PM IST

क‍िसानों को इस साल कॉटन का भाव पहले जैसा नहीं म‍िल रहा है इसल‍िए वो अब इसे स्टोर करके रख रहे हैं. ताक‍ि तेजी आने पर वो कमाई कर सकें. प‍िछले साल भी काफी क‍िसानों ने कॉटन स्टोर कर रखा था लेक‍िन उन्हें 2021 और 2022 जैसा भाव नहीं म‍िला. तब 12000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक भाव पहुंच गया था. अब दाम लगभग 6000 रुपये म‍िल रहा है. महाराष्ट्र की कुछ मंड‍ियों में कॉटन का एमएसपी म‍िल रहा तो कुछ में उससे भी कम पर बेचने पर मजबूर हैं. इसल‍िए अब स्टोरेज ही एकमात्र विकल्प बच रहा है, ज‍िसे क‍िसान अपना रहे हैं. भारत में दुनिया का 22 प्रत‍िशत कॉटन पैदा होता है, लेक‍िन यहां क‍िसान उच‍ित दाम के ल‍िए तरस रहे हैं.  

क‍िसानों को आने वाले द‍िनों में इसल‍िए कॉटन के दाम में तेजी की उम्मीद है क्योंक‍ि उत्पादन में कमी का अनुमान है. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने अपने पहले फसल अनुमान में बताया था क‍ि 2023-24 में उत्पादन 295.10 लाख गांठ होगा. एक गांठ 170 किलोग्राम कॉटन होता है. यह उत्पादन पिछले डेढ़ दशक में सबसे कम है. जबक‍ि पिछले वर्ष का अनुमान 318.90 लाख गांठ था. उत्पादन में कमी के अनुमान की वजह से ही क‍िसानों को उम्मीद है क‍ि आने वाले द‍िनों में दाम बढ़ेगा. 

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हर रीजन में है कम उत्पादन का अनुमान 

क‍िसान कॉटन को इसल‍िए स्टोर कर रहे हैं क्योंक‍ि क‍िसी एक क्षेत्र में उत्पादन में ग‍िरावट का अनुमान नहीं है बल्क‍ि सभी क्षेत्रों में उत्पादन में कमी की बात कही गई है. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार उत्तरी क्षेत्र में राजस्थान, हरियाणा और पंजाब आते हैं. इसमें पिछले साल की तुलना में 43 लाख गांठ का अनुमान है. मध्य क्षेत्र में गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र आते हैं. इसमें उत्पादन 179.60 लाख गांठ होने की उम्मीद है जो पिछले साल 194.62 लाख गांठ था. दक्षिण क्षेत्र में कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश आते हैं. इसमें उत्पादन 67.50 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जो क‍ि पहले 74.85 लाख गांठ थी. 

क‍ितना है एमएसपी 

साल 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के ल‍िए मध्यम रेशेवाली कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6620 रुपए प्रति क्विंटल जबक‍ि लंबे रेशेवाली किस्म का दाम 7020 रुपये प्रति क्विंटल तय क‍िया गया है. महाराष्ट्र राज्य की ज्यादातर मंड‍ियों में दाम 5500 से 6500 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक चल रहा है, जो क‍िसानों को मंजूर नहीं है. इसल‍िए वो कॉटन स्टोर करके रख रहे हैं. महाराष्ट्र में 30 जनवरी को अमरावती मंडी में स‍िर्फ 75 क्व‍िंटल कॉटन की आवक हुई. उसके बावजूद न्यूनतम दाम 6600 और अध‍िकतम 6650 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. भद्रावती मंडी में 1475 क्व‍िंटल की आवक हुई. यहां पर न्यूनतम दाम 6300 और अध‍िकतम 6650 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.

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