इमली की बागवानी से किसानों को रहा है मुनाफा, कुछ ही दिनों में 9000 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया भाव

इमली की बागवानी से किसानों को रहा है मुनाफा, कुछ ही दिनों में 9000 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया भाव

हिंगोली जिले के किसानों ने पारंपरिक खेती के साथ-साथ इमली का उत्पादन भी शुरू कर दिया है. इससे उनको अच्छा मुनाफा मिल रहा है. किसानों का कहना है कि उनकी पैदा की गई इमली की मांग कई राज्यों में बढ़ रही है. उत्पादकों ने कहा कि फिलहाल इमली का दाम 9,000 से लेकर 10,000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल रहा है

किसानों को इमली का मिल रहा हैं अच्छा दाम
क‍िसान तक
  • Hingoli,
  • Mar 19, 2024,
  • Updated Mar 19, 2024, 3:15 PM IST

महाराष्ट्र के किसान अब पारंपरिक फसलों के अलावा ऐसी खेती भी कर रहे हैं जिससे उन्हें कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल सके. ऐसा ही कर दिखाया है हिंगोली जिले के वसमत तालुका के कुछ किसानों ने. यहां के किसानों ने पारंपरिक खेती के साथ-साथ इमली का उत्पादन भी शुरू कर दिया है. इससे उनको अच्छा मुनाफा मिल रहा है. किसानों का कहना है कि उनकी पैदा की गई इमली की मांग कई राज्यों में बढ़ रही है. उत्पादकों ने कहा कि फिलहाल इमली का दाम 9,000 से लेकर 10,000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल रहा है, जिसे अच्छा मुनाफा माना जा रहा है. 

इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में इमली अच्छी तरह से खिली है. इमली की कीमत से किसानों को अच्छा लाभ होने लगा है. किसानों ने बताया कि पहली बार इमली का 9000 रुपये प्रति क्विंटल दाम मिल रहा है. तालुका की इमली राज्य के साथ विदेश भी जा रही है. खासतौर पर आंध्र और तेलंगाना में इमली की सबसे ज्यादा डिमांड बढ़ रही है. इस साल वासमत तालुका में कई किसानों ने इमली की उपज ली है. इसके अलावा कुछ किसानों के पास पीढ़ियों से इमली के पेड़ हैं. 

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इमली का उत्पादन अच्छा  

किसानों ने बताया कि तालुका में हर साल इमली खिलती है, लेकिन इस साल और भी अच्छी मात्रा में उत्पादन हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में इमली के पेड़ छोटे व्यापारियों द्वारा भी खरीदे जाते हैं. फ‍िर पूरे सीजन व्यापारी उसका इस्तेमाल करते हैं. तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में इमली 9,000 से 10,000 रुपये प्रति क्विंटल से अच्छा भाव मिल रहा है. इमली प्रमुख खटाई है ज‍िसका इस्तेमाल खाने-पीने की चीजों में स्वाद बढ़ाने में क‍ि‍या जा रहा है. 

किसान ने क्या कहा?  

किसान सैयद समीर ने बताया कि इस वर्ष इमली के फल बहुत अच्छी तरह से लगे हैं. पिछले साल की तुलना में इस बार इमली के लिए ज्यादा व्यापारी पहुंच रहे हैं. समीर ने बताया उनके पास इमली के दो बड़े पेड़ हैं. एक पेड़ 10 हजार में बिका है. व्यापारी ने पेड़ से इमली तोड़ ली. कुछ योगदान इमली के दूसरे पेड़ से प्राप्त हुआ. किसान ने बताया कि तालुका के इमली की मांग हर जगह है. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में इमली की अच्छी कीमत और सबसे ज्यादा मांग है. फिलहाल रेट 9000 से 10000 रुपये प्रति क्विंटल है.  

इमली की कहां-कहां होती है खेती 

कृष‍ि क्षेत्र के जानकारों का कहना है क‍ि भारत में इमली की खेती आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना  और मध्य प्रदेश में की जाती है. इन राज्यों की जलवायु इमली की खेती के लिए अनुकूल मानी जाती है, कृष‍ि वैज्ञान‍िकों के अनुसार इमली के खेती के लिए तापमान 25-30 डिग्री सेल्स‍ियस के मध्य होना चाहिए. इसके पेड़ की खासियत यह होती है कि इस पर गर्म हवा और लू का प्रकोप नहीं होता. यह लंबे समय तक चलता है.

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